भोपाल। बड़वानी कलेक्टर अजय गंगवार को हटाए जाने के बाद शिवराज सरकार अब खुद ही अपने जाल में फंस गई है। यह मामला केवल एक कलेक्टर को हटाने तक सीमित नहीं रहा बल्कि मप्र में शिवराज सरकार की असहिष्णुता का प्रतीक बन गया है। कलेक्टर को उस समय हटाया गया जब उन्होंने भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की ना केवल तारीफ की बल्कि इस माध्यम से तंज करते हुए नेहरू विरोधियों को भी निशाने पर लिया।
इस कार्रवाई के बाद बवाल मच गया। शिवराज सरकार, सोशल मीडिया के निशाने पर आ गई। लोगों के सवाल थे कि क्या भारत के महापुरुषों की तारीफ करना या उनके विरोधियों के सामने तर्क सम्मत दलील प्रस्तुत करना गुनाह है, तो सरकार बैकफुट पर आ गई। मप्र शासन के मुख्य सचिव ने इस मामले में स्पष्टीकरण दिया कि गंगवार को नेहरू की तारीफ नहीं, बल्कि मोदी विरोधी कमेंट करने के कारण हटाया गया है।
क्या लिखा है नोटिस में
राज्य सरकार ने सोमवार 30 मई 2016 को गंगवार को नोटिस जारी कर दिया है। इसमें कहा गया है कि प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ जनक्रांति के आह्वान से संबंधित एक पोस्ट पर उन्होंने कमेंट किया है, जो सर्विस कोड ऑफ कंडक्ट का उल्लंघन है।
क्या लिखा था कमेंट में
मालूम हो कि गंगवार ने 23 जनवरी 2015 को फेसबुक वॉल पर मोदी की आलोचना वाले एक लेख को लाइक करते हुए कमेंट किया था, “मोदी के खिलाफ लोगों की क्रांति (जनक्रांति) होनी चाहिए।”
फिर कलेक्टर क्यों बनाया
मोदी से संबंधित जिस पोस्ट पर सरकार गंगवार के खिलाफ कार्रवाई की बात कर रही है, वह तो 23 जनवरी 2015 की है जबकि शासन ने उन्हे अगस्त 2015 में बड़वानी कलेक्टर पदस्थ किया था। सवाल यह है कि यदि मोदी विरोधी कमेंट के कारण उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी थी तो तत्समय क्यों नहीं की गई। मोदी विरोधी कमेंट के 7 महीने बाद उन्हे कलेक्टर क्यों बनाया।
छुट्टी पर चले गए गंगवार....
गंगवार सरकार के इस कदम से नाराज बताए जा रहे हैं और वे एक हफ्ते की छुट्टी पर चले गए है । गंगवार को सचिवालय में उप सचिव की जिम्मेदारी दी गई है। अपनी टिप्पणी का बचाव करते हुए गंगवार ने कहा, “संवैधानिक संस्थानों जैसे कि विधानसभा में देश को हिंदू राष्ट्र बनाने से रोकने पर चर्चा होती है। इसमें कुछ भी नया नहीं है, लेकिन लोगों को ये जानना जरूरी है।”