इंदौर। पुलिस के नेटवर्क और कार्यप्रणाली को चुनौती देती हुई लेडी डॉन शुक्रवार को जिला कोर्ट पहुंची। उसने सरेंडर किया तो कोर्ट ने उसे 16 मई तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया। आरोप है कि उसने छत्तीसगढ़ के जिला सूचना अधिकारी और सहायक को अगवा कर जिंदा गाढ़ने की कोशिश की। पुलिस उसे तीन राज्यों में ढूंढ आई, लेकिन वह हाथ नहीं आई।
दो माह से लेडी डॉन सपना साहू को एरोड्रम पुलिस महाराष्ट्र, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में तलाश रही थी। शुक्रवार शाम वह चकमा देकर कोर्ट रूम-41 में पहुंची और सरेंडर किया। वह नकाब पहने कंधे पर बेग टांगे अकेली आई थी। उसकी तैयारी से लग रहा था कि वह जेल जाने के इरादे से ही आई थी। कोर्ट परिसर में तैनात पुलिसकर्मी उसे ताबड़तोड़ जेल ले गए।
मुझे खतरा है इसलिए करने आई सरेंडर
लेडी डॉन ने मीडिया के सामने खुद को बेकसूर बताया। वह बोली कि पुलिस मुझे फंसा रही है। छोटी-सी मारपीट को अपहरण और हत्या के प्रयास में बदल दिया गया है। मैं सिर्फ दिलीपनगर वाले बिग-बी रिसोर्ट का सौदा करने आई थी। आपसी रंजिश के चलते फरियादी ने झूठे आरोप लगाए और फिर राजीनामी कर लिया। मैंने इस संबंध में मीडिया और प्रधानमंत्री को सीडी भेजी है। मुझे खतरा है इसलिए सरेंडर करने आई हूं।
ये है मामलाः इतना प्रताड़ित किया कि दहशत में आ गए
15 मार्च को पुलिस ने सपना और उसके साथियों से छत्तीसगढ़ के जिला सूचना अधिकारी जय श्रीनिवास और सहायक मुकेश आदित्य को छुड़वाकर केस दर्ज किया था। श्रीनिवास ने आरोप लगाया था कि सपना ने साथियों के साथ मिलकर दोनों को अगवा किया, मेरे एटीएम से रुपए निकाले, बिग-बी रिसोर्ट में बंधक बनाया, पीटा, चाकू में मिर्ची लगाकर चुभाए, गड्डा खोदा और जिंदा गाढ़ने का प्रयास किया, जिससे वे दहशत में आ गए थे। क्राइम वॉच पर मिली सूचना के आधार पर पुलिस ने दोनों को रिहा करवाया था।
राजीनामे की जानकारी ही नहीं है