नई दिल्ली। सुभाष चन्द्रा ने जी मीडिया के निदेशक और गैर-कार्यकारी चेयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया है। इसके साथ ही उनकी इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है।
जी मीडिया ने बंबई शेयर बाजार को दी सूचना में बताया कि मंगलवार को हुई उसकी बोर्ड की बैठक में डॉक्टर सुभाष चन्द्रा का इस्तीफा स्वीकार लिया गया। इसके अलावा निदेशक मंडल ने आरके अरोड़ा को अतिरिक्त निदेशक के तौर पर नियुक्ति को मंजूरी दे दी है।
कौन हैं सुभाष चंद्रा
भारत के मीडिया टायकून सुभाष चंद्रा किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं। किताबों के दूर भागने वाले सुभाष चंद्रा एस्सेल ग्रुप के चेयरमैन हैं। उनकी जिंदगी की कहानी जर्रे से आफताब बनने की कहानी जैसी है। उन्हें सेटेलाइट टेलीविजन क्रांति का जनक माना जाता है। उनके जी नेटवर्क के दो दर्जन से ज्यादा चैनल चल रहे हैं। सुभाष चंद्रा बड़े-बड़े जोखिम लेना जानते हैं। कुछ सालों पहले तो उन्होंने बीसीसीआई को चुनौती देते हुए इंडियन क्रिकेट लीग तक बना ली थी।
सुभाष चंद्रा ने तालीम रिसर्च फाउंडेशन ट्रस्ट की भी स्थापना की, वे एकल विद्यालय फाउंडेशन के चेयरमैन भी हैं, लेकिन खुद सुभाष चंद्रा को कभी पढ़ाई से ज्यादा प्यार नहीं रहा। कॉपी-किताबों से दूर भागते थे। हरियाणा के हिसार में जन्मे सुभाष चंद्रा ने 12वीं के बाद पढ़ाई छोड़ दी। 19 साल की उम्र में उन्होंने वेजिटेबल ऑयल की यूनिट लगाई और कारोबार शुरू किया। फिर चावल का व्यापार करने लगे। इसके बाद सुभाष चंद्रा अनाज एक्सपोर्ट के व्यवसाय में लग गए। 1981 में सुभाष चंद्रा एक पैकेजिंग एग्जिबिशन में गए तो, वहीं उन्हें एस्सेल पैकेजिंग कंपनी बनाने का ख्याल आया और उन्होंने कंपनी बनाई भी। धीरे-धीरे उनका कारोबार बढ़ता गया। बाद में वे ब्रॉडकास्टिंग के बिजनेस में उतर गए। 2 अक्टूबर,1992 में उन्होंने जी टीवी के नाम से देश का पहला प्राइवेट सेटेलाइट चैनल शुरू किया।
इसके बाद तो चैनल पर चैनल आते गए। सुभाष चंद्रा आज अरबों रुपये की संपत्ति के मालिक हैं, लेकिन आज भी उनका जमीन से रिश्ता टूटा नहीं है। मई 1996 में चंद्रा ने मल्टीमीडिया तालीम रिसर्च फाउंडेशन की स्थापना की। चंद्रा ग्लोब विपाश्ना फाउंडेशन के प्रेसिडेंट भी हैं। उन्होंने 1990 में विपाश्ना का कोर्स किया था, उसके बाद वे मानसिक शुद्धि का प्रचार भी कर रहे हैं। चंद्रा भारत में एकल विद्यालय फाउंडेशन के चेयरमैन हैं, यह एक धर्मार्थ संस्थान है, जो भारत में एकल विद्यालय का संचालन करता है। इसका उद्देश्य भारत के ग्रामीण और आदिवासी इलाके से अशिक्षा मिटाना है। चंद्रा अंतरराष्ट्रीय फाउंडेशन सिविलाइज्ड हारमोनी के संस्थापक चेयरमैन हैं। एक आम जिंदगी जीने वाले चन्द्रा आज देश के नामी अमीरों में गिने जाते हैं।