
भाजपा सांसद और प्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष नंद कुमार चौहान रहे। जिन्होंने दो साल में एक भी सवाल नहीं किए। सिर्फ पांच डिबेट में हिस्सा लिया है। यानि सिर्फ पांच बार ही बोले। इसके बीच मप्र के बीजेपी सासंद नागेन्द्र सिंह सबसे बिरले रहे। जिन्होंने दो साल में संसद में मुह ही नहीं खोला। इनकी तुलना में तो गेंहूकांड में फंसे भाजपा सांसद रोडमल नागर रहे जिन्होने 118 बहस में भाग लिया। सुधीर गुप्ता 204 के साथ नंबर 1 पर हैं।
16 वीं लोकसभा के दो साल के कार्यकाल पूरा होने पर संसदीय काम-काज पर शोध करने वाली पीआरएस एजेंसी ने मप्र के सांसदों को लेकर यह रिपोर्ट जारी की है।