ग्वालियर। व्यापमं कांड का खुलासा करने में अहम भूमिका निभाने वाला व्हिसल ब्लोअर आशीष चतुर्वेदी अब कोर्ट से दूर भागने लगा है। पुलिस ने आशीष के घर पर कोर्ट का समन चस्पा किया, लेकिन वह शुक्रवार को अपना पक्ष रखने के लिए कोर्ट में उपस्थित नहीं हुआ। इसकी वजह से कोर्ट को राहुल यादव के केस की सुनवाई की तारीख 16 जून निर्धारित करनी पड़ी। आशीष व पुलिस की लुकाछिपी में राहुल यादव की ट्रायल फंस गई है। आशीष का पक्ष नहीं आने से उसके 12 जनवरी के आवेदन पर फैसला नहीं हो पा हो रहा है।
पीएमटी कांड के सरगना राहुल यादव के खिलाफ झांसी रोड थाना पुलिस ने 12वीं में सप्लीमेंट्री की बात छिपाने पर अलग से केस दर्ज किया है। उसकी ट्रायल विशेष सत्र न्यायाधीश सतीशचन्द्र शर्मा के यहां चल रही है। 12 जनवरी को आशीष ने विशेष कोर्ट में एक आवेदन पेश किया था कि राहुल यादव केस की एसआईटी ने सही ढंग से जांच नहीं की है। मेरे आवेदन में डीएमई व डीन के शामिल होने की शिकायत की गई थी, लेकिन उन्हें एसआईटी ने छोड़ दिया है। इसलिए सीबीआई से जांच कराई जाए।
इस संबंध में सीबीआई व एसआईटी ने अपने जवाब पेश कर दिए हैं। आशीष चतुर्वेदी का पक्ष सुनने के लिए कोर्ट ने उसे 1 अप्रैल को बुलाया था, लेकिन वह कोर्ट में उपस्थित नहीं हुआ। इसके चलते कोर्ट ने उसके आवेदन पर फैसले की तारीख 13 अप्रैल निर्धारित की थी। अपना पक्ष रखने के लिए आशीष ने रजिस्टर्ड डाक से कोर्ट में एक पत्र भेजा था। अपने पत्र में आशीष ने कोर्ट को बताया था कि उसे समन नहीं मिला था। इसलिए वह कोर्ट में उपस्थित नहीं हो सका। आवेदन पर फैसले से पहले उसका पक्ष जरूर सुना जाए।
उसका पत्र मिलने पर कोर्ट ने पुलिस को आदेश दिया था कि समन की तामील कराई जाए। 4 मई को पुलिस आशीष को अपनी सुरक्षा में कोर्ट लेकर आए, लेकिन जब वह नहीं आया तो 20 मई की तारीख निर्धारित की। अपर लोक अभियोजक बृजमोहन श्रीवास्तव ने कोर्ट को बताया कि आशीष चतुर्वेदी के घर पर समन चस्पा किया था। समन चस्पा करने के बाद मोहल्ले के लोगों की गवाही भी कराई, लेकिन वह कोर्ट में नहीं आया है। इस पर कोर्ट ने पुलिस को आदेश दिया कि फिर से समन तामील कराया जाए और उसे कोर्ट में उपस्थित किया जाए।
जनवरी से रुकी है ट्रायल
राहुल यादव केस की ट्रायल आखिरी स्टेज पर पहुंच गई है, लेकिन आशीष के आवेदनों के चलते आगे नहीं बढ़ पा रही है। 12 जनवरी को उसने एक आवेदन पेश कर दिया था। उस पर फैसले में 5 महीने से अधिक का समय लग गया है। अगर आशीष चतुर्वेदी की गवाही हो जाती तो इस केस में अब तक फैसला हो जाता। अब आशीष व दो जांच अधिकारियों की गवाही ही शेष बची है।