भोपाल। मप्र सरकार सिंहस्थ के बहाने सारे काम टालती जा रही है। दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों की अवमानना याचिका में सरकार को हलफनामा पेश करना था परंतु यहां भी सरकार ने सिंहस्थ का बहाना बनाकर नई तारीख ले ली। सुप्रीम कोर्ट में अब 11 जुलाई को इस मामले की फाइनल सुनवाई होगी।
मंच के अध्यक्ष अशोक पांडेय ने बताया कि शुक्रवार को मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस एके सिकरी और जस्टिस आरके अग्रवाल की बेंच ने सरकार को 11 जुलाई तक का समय दिया है। दरअसल, सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सरकारी वकील अनुज गर्ग से हलफनामा पेश करने को कहा। गर्ग ने बताया कि मुख्यमंत्री सिंहस्थ में व्यस्त हैं और पदोन्न्ति में आरक्षण को लेकर भी प्रदेश में उहापोह की स्थिति है।
इसलिए हलफनामा पेश नहीं कर पा रहे हैं। उन्होंने कोर्ट को बताया कि सरकार तमाम सुविधाओं के साथ 48 हजार दैवेभो को नियमित कर रही है। गर्ग ने हलफनामा पेश करने के लिए कुछ समय और मांगा। जिस पर कोर्ट ने 11 जुलाई को अंतिम सुनवाई तय की है।
कर्मचारी मंच की ओर से पैरवी वकील वरुण के चोपड़ा ने की। उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने 21 जनवरी 2015 को दैवेभो कर्मचारियों को नियमित करने का फैसला सुनाया था। जिस पर 8 माह तक सरकार ने निर्णय नहीं लिया। फिर सरकार सिर्फ नियमित वेतनमान देने को तैयार हुई। जिसके खिलाफ कर्मचारी मंच ने अवमानना याचिका दायर की है। प्रदेश में 50 हजार दैवेभो हैं।