मप्र में जारी है ओला और उबर कैब की लूट

भोपाल। पीक टाइम सरचार्ज के नाम पर ओला और उबर कैब द्वारा कई गुना वसूली पर दिल्ली सरकार ने पूरी तरह से रोक लगा दी है। जनता की शिकायत पर यहां की सरकार ने ताबड़तोड़ कार्रवाई, जिसके बाद ओला कंपनी ने पीक टाइम सरचार्ज बंद कर दिया लेकिन हमारे यहां की जनता कई गुना ज्यादा किराया देने पर मजबूर है क्योंकि परिवहन विभाग ने ओला कंपनी को खुली छूट दे रखी है। 

ओला की सेवाएं भोपाल सहित इंदौर, उज्जैन, जबलपुर, ग्वालियर में चल रही हैं। खासबात ये है कि परिवहन विभाग ने दिल्ली सरकार से भी सबक नहीं लिया। जबकि एक अनुमान के मुताबिक ओला की 500 से अधिक कैब संचालित हो रही हैं।

ऐसे समझें पीक टाइम सरचार्ज...
उदाहरण के लिए यदि आप एमपी नगर से न्यूमार्केट तक ओला कैब की बुकिंग करते हैं। इसका किराया 50 रुपए होता है लेकिन पीक टाइम सरचार्ज यदि पांच गुना हुआ तो यात्री को 250 रुपए किराया चुकाना पड़ेगा।

यह है प्रावधान
मोटर व्हीकल एक्ट में यात्री वाहनों का किराया तय है। रात 11 से सुबह 5 बजे तक कुल किराए का 10 से 20 प्रतिशत नाइट चार्ज लगता है लेकिन पीक टाइम सरचार्ज का प्रावधान ही नहीं है। यदि कोई तय राशि से अधिक किराया वसूलता है तो उसकी शिकायत आरटीओ और ट्रैफिक पुलिस चालानी कार्रवाई कर सकते हैं। जुर्माने की राशि 500 से 2000 रुपए तक हो सकती है।

ओला कंपनी का तर्क
कंपनी के वेबसाइट में पीक टाइम सरचार्ज के बारे में बताया गया है कि जब टैक्सी की उपलब्धता से अधिक डिमांड बढ़ती है तो ड्राइवर हायर करना पड़ता है। डिमांड सुबह या शाम कभी भी हो सकती है। यह दो गुना से कई गुना तक हो सकती है।

इधर, मायकैब में किराया तय
बीसीएलएल द्वारा संचालित हो रही मॉयकैब में विभाग ने किराया तय किया था। इसमें रात 11 बजे के बाद सिर्फ नाइट चार्ज का प्रावधान है। शिकायत के लिए मॉनिटरिंग एजेंसी खुद बीसीएलएल है। इसमें नियमानुसार प्रिंटेड बिल भी दिया जा रहा है लेकिन ओला कंपनी को हर तरह से छूट दी गई है।

यहां करें शिकायत

परिवहन आयुक्त कार्यालय ग्वालियर
0751-2423113/2423105

ट्रैफिक थाना
0755- 2443850/2677340

इन नियमों का भी उल्लंघन
ओला में बुकिंग कराते समय मोबाइल पर मैजेस आता है, इसमें संबंधित ड्राइवर और गाड़ी का नंबर होता है। लेकिन ड्राइवर का परिचय पत्र, कैब में कहीं डिस्प्ले नहीं किया जाता। इससे निश्चित नहीं हो पाता कि जो मैसेज आया है वही व्यक्ति है या अन्य।

यात्रा समाप्त होने के बाद प्रिंटेड बिल नहीं दिया जाता। बल्कि मैसेज या मेल पर बिल आता है। जबकि मोटर व्हीकल एक्ट में टिकट देने का प्रावधान है।

दिया है नोटिस
आयुक्त के निर्देश पर हमने ओला कंपनी के क्षेत्रीय कार्यालय को नोटिस जारी किया है। इसमें कंपनी से पूछा है कि वे किस प्रावधान के तहत पीक टाइम सरचार्ज वसूल रहे हैं। यदि विधि संवत नहीं होगा तो कार्रवाई की जाएगी।
संजय तिवारी, प्रभारी आरटीओ भोपाल

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