भोपाल। मध्यप्रदेश पुलिस कर्मचारियों को भी हर सप्ताह वीकली आॅफ की सौगात दी जाए, जिससे कर्मचारियों को मानसिक तनाव से कुछ हद तक मुक्ति मिल सके और वह अपने परिवार को भी समय दे सकें। यह बात मध्यप्रदेश पुलिस कर्मचारी सहयोग संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. जावेद इकबाल ने आज सोमवार को आयोजित एक पत्रकार वार्ता के दौरान कही।
पुलिस कर्मचारियों को उनकी जायज मांग दिलवाने के संबंध में विगत कई वर्षों से राज्य सरकार से लड़ाई लड़ रहे डॉ. जावेद इकबाल का कहना है कि आज मध्यप्रदेश पुलिस कर्मचारियों के ड्यूटी की कोई समय—सीमा निश्चित न होने के कारण उन्हें 12 से 16 घंटों की नौकरी करनी पड़ रही है। यही नहीं थानों में पदस्थ प्रभारियों को तो चौबीस घंटों की नौकरी काटनी पड़ती है।
यही कारण है कि आज पुलिस विभाग में कार्यरत सभी कर्मचारियों को भारी मानसिक प्रताड़ना का सामना करना पड़ता है। डॉ. जावेद इकबाल का कहना है कि मानसिक तनाव के कारण कई पुलिस कर्मचारी आत्महत्या कर लेते हैं। यही नहीं अपने परिवार को बराबार समय नहीं देने के कारण भी कई पुलिस कर्मचारियों के बच्चे गलत राह को अपना सहारा बना लेते हैं।
डॉ. जावेद इकबाल का कहना है कि आज मध्यप्रदेश पुलिस कर्मचारियों की यूनियन नहीं होने के कारण पुलिस कर्मी शोषण का शिकार हो रहे हैं। वर्षों पहले मध्यप्रदेश पुलिस की यूनियन को समाप्त कर दिया गया। डॉ. जावेद इकबाल का कहना है कि आज यदि पुलिस कर्मचारियों की यूनियन होती तो वह अपने कर्मचारियों पर हो रहे शोषण पर लगाम कसने में राज्य सरकार एवं वरिष्ठ अधिकारियों के समक्ष खड़ी होकर लड़ाई लड़ती।
डॉ. जावेद इकबाल का कहना है कि हर बार पुलिस कर्मचारियों को वीकली आॅफ देने की घोषता तो की जाती है, लेकिन राजनीति के चलते इस प्रस्ताव को पारित नहीं किया जाता। डॉ. जावेद इकबाल का कहना है कि वर्तमान समय में मध्यप्रदेश पुलिस कर्मचारियों की स्थिति एकदम दयनीय है। पूरे महीने अपनी ड्यूटी निभाने के चक्कर में पुलिस कर्मचारी अपने परिवार को बिल्कुल समय नहीं दे पाते। यहीं नहीं लंबे समय तक ड्यूटी पर तैनात होने के कारण पुलिस कर्मचारियों की सेहत पर भी भारी प्रभाव पड़ता है। डॉ. जावेद इकबाल ने राज्य सरकार से मांग की है कि मध्यप्रदेश पुलिस कर्मचारियों को सप्ताह में एक दिन का वीकली आॅफ दिया जाए और पुलिस कर्मचारियों की एसोसिएशन को दोबारा जीवित किया जाए।