हरिद्वार। उत्तराखंड के सियासी घटनाक्रम को लेकर अधिवक्ता और कांग्रेसी नेता राजेश रस्तोगी व उनके दो सहयोगी अधिवक्ताओं अरुण भदौरिया, मनोहर भट्ट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह एवं महामंत्री कैलाश विजयवर्गीय सहित कई नेताओं के खिलाफ राज्य मानव अधिकार आयोग में याचिका प्रेषित की है। आरोप लगाया कि लोकतांत्रिक तरीके से चुनी हुई सरकार को बर्खास्त कराने की साजिश रचकर उन्होंने प्रदेश में भय, अराजकता और असमानता का माहौल बनाया। जिससे लोगों के अधिकारों का हनन हो रहा है। उन्होंने इन सभी का नारको टेस्ट कराए जाने और प्रभावी कार्रवाई कराने की गुहार लगाई।
आयोग को भेजी याचिका में प्रदेश में पिछले चार साल से चल रहे राजनीतिक घटनाक्रम की विस्तृत जानकारी दी। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट, महामंत्री कैलाश विजयवर्गीय, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और प्रदेश प्रभारी श्याम जाजू, पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा और केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा पर साजिश रचकर उत्तराखंड के विकास के संबंधी योजनाओं को रुकवाने और हरीश रावत की सरकार को गिराने के षड्यंत्र का आरोप लगाया।
उन्होंने आरोप लगाया कि इस पूरे घटनाक्रम से प्रदेश का विकास तो प्रभावित हुआ ही वहीं राज्य की जनता के अधिकारों का भी हनन हुआ। उन्होंने कहा कि हरीश रावत की तो जांच हो लेकिन इससे पहले प्रधानमंत्री समेत सभी लोगों का नारको टेस्ट कराने के साथ-साथ मुख्यमंत्री हरीश रावत का स्टिंग करने वाले व्यक्ति का भी नारको टेस्ट कराया जाए। ताकि यहां की जनता के हितों को प्रभावित करने के लिए रची गई साजिश में कौन-कौन शामिल रहे इस सबका खुलासा हो सके।