भोपाल। मप्र के किसानों के हित में यह एतिहासिक फैसला है। अब अमानक बीच बेचने वालों की खैर नहीं। किसान ठगी के शिकार नहीं होंगे और यदि हो गए तो वो हर्जाना वसूली के हकदार होंगे। राज्य उपभोक्ता आयोग ने किसानों को अमानक बीज देने के मामले में किसानों को 16 लाख 78944 रुपए हर्जाना देने के आदेश दिए हैं।
राज्य उपभोक्ता आयोग के पीठासीन सदस्य सुभाष जैन और एसडी अग्रवाल ने शनिवार को ये आदेश जारी किए। आयोग ने पहली बार किसानों के हक में ऐसा फैसला सुनाया है। टीकमगढ़ के 28 किसानों ने उपभोक्ता फोरम में 2011-12 में शिकायत की थी कि उन्होंने भारतीय राज्य फार्म निगम लिमिटेड (वर्तमान में नेशनल सीड कार्पोरेशन) द्वारा निर्मित उड़द का बीज खरीदा था। निर्धारित प्रक्रिया के तहत बोने के बाद भी इसमें फूल और फल्ली नहीं आई। इसकी शिकायत की, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। 2015 में आयोग में अपील की। सुनवाई हुई और आयोग ने फैसला सुनाया।
यह फैसला कृषि के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित हो सकता है। यह निर्णय किसानों की भविष्य में भी सुरक्षा करेगा। अमानक बीज का कारोबार करने वाले अब तक निर्भय होकर कारोबार कर रहे थे। किसान यदि शिकायत करते तो उस को दोषी बता दिया जाता था। कभी जमीन तो कभी मौसम को खराब बताकर बीज व्यापारी बच निकलते थे, परंतु अब ऐसा नहीं होगा।