भोपाल। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नाम पर आवास योजना अब प्रदेश में नहीं चलेगी। इसकी जगह प्रधानमंत्री आवास योजना लागू होगी। इसमें मनरेगा से भी करीब 15 हजार रुपए दिए जाएंगे। हितग्राहियों को अब मकान बनाने 1 लाख 20 हजार रुपए मिलेंगे।
हालांकि, नई योजना को लेकर सरकार को अभी केंद्र सरकार की गाइड लाइन नहीं मिली है। नई योजना वित्तीय वर्ष 2016-17 से लागू हुई है। प्रदेश में हर साल करीब एक लाख आवासहीन और कच्चे आवासधारियों को पक्के मकान बनाने के लिए सरकार इंदिरा आवास योजना से 70 हजार रुपए देती थी।
केंद्र सरकार ने इस योजना को बंद कर नई योजना लागू कर दी है। प्रधानमंत्री के नाम से लागू इस योजना में हितग्राहियों को 50 हजार रुपए ज्यादा दिए जाएंगे। इसमें लगभग 15 हजार रुपए शौचालय और पानी का इंतजाम करने के लिए दिए जाएंगे। जिस घर में शौचालय निर्माण नहीं होगा, उन्हें दूसरी किस्त नहीं दी जाएगी।
जिन हितग्राहियों को इंदिरा आवास योजना में पहली किस्त मिल चुकी है, उन्हें दूसरी किस्त भी 70 हजार रुपए में शेष रह गई रकम के मुताबिक मिलेगी, जबकि नए हितग्राहियों को 70 हजार रुपए के बजाय प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 1 लाख 20 हजार रुपए की मदद दी जाएगी। सूत्रों का कहना है कि नई योजना में निगरानी तंत्र को और तगड़ा किया जा रहा है। दूसरी किस्त तभी मिलेगी, जब मकान का निर्माण कार्य आधा हो जाएगा। इसकी जांच भी थर्ड पार्टी से कराई जाएगी।
दरअसल, मुख्यमंत्री के साथ पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को ये शिकायतें मिली थी कि हितग्राही दूसरी किस्त लेने के बाद भी निर्माण नहीं कराते हैं और योजना का मकसद पूरा नहीं हो पाता। यही वजह है कि सरकार ने आधे मकान की फोटो वेबसाइट में अपलोड करने के बाद दूसरी किस्त देने की व्यवस्था बनाई है, लेकिन इसमें भी शिकायतें मिल रही हैं। इसे दूर करने के लिए पंचायतों से प्रमाणीकरण की व्यवस्था लागू करने पर विचार किया जा रहा है।
गाइड लाइन का इंतजार
ग्रामीण विकास संचालक बिभाष कुमार ठाकुर का कहना है कि इंदिरा आवास योजना बंद हो गई है। इसकी जगह नई योजना लागू की गई है। गाइड लाइन का इंतजार किया जा रहा है। इसमें लागत राशि भी बढ़ाई गई है।