
दरअसल व्यापमं घोटाले की जांच पहले एमपी एसटीएफ कर रही थी। घोटाले की सीबीआई जांच का आदेश होते ही एमपी एसटीएफ जिन मामलों की जांच कर रही थी वो सभी मामले सीबीआई को हैंडओवर किए जाने थे। लेकिन सीबीआई ने 212 केस में से अभी तक सिर्फ 185 केस एमपी एसटीएफ से लिए हैं जबकि 27 मामले अभी भी एमपी एसटीएफ के पास है। इसको लेकर कई बार एमपी एसटीएफ ने सीबीआई से पत्राचार किया है लेकिन सीबीआई ने अभी तक बाकी मामलों को लेने में कोई रूचि नहीं दिखायी है।
हालांकि सीबीआई ने पहले ही सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगा दी थी कि एमपी एसटीएफ भी अपनी जांच जारी रखे। लेकिन अब लंबा समय बीत जाने के बाद एमपी एसटीएफ इन मामलों की जांच नहीं करना चाहती है। इसीलिए एमपी एसटीएफ ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है और सभी मामले सीबीआई को हैंडओवर करने का निवेदन किया है