
मनमानी
बेतवा नदी की योजना राजघाट नहर प्रणाली का दतिया में 99 हजार 366 और टीकमगढ़ में 3 हजार 383 हेक्टेयर क्षेत्र है। इन दोनों जिलों के 45 हजार 536 हेक्टेयर क्षेत्र को बीडीएमपी के तहत विकसित किया जाना था। ताकि नहर में हो रहे रिसाव आदि की समस्या खत्म हो सके। लेकिन अफसरों ने इसके लिए जारी पैकेज में से 11 करोड़ 54 लाख रुपए की राशि भिंड एवं शिवपुरी में खर्च कर दी। जबकि ये जिले बुंदेलखंड से कोई वास्ता नहीं रखते।
भ्रष्टाचार
बीडीएमपी के तहत बेतवा राजघाट परियोजना के तय लक्ष्य की तुलना में 50 प्रतिशत काम ही पूरे हुए। वह भी निर्धारित बजट से अधिक राशि खर्च करने के बाद। यहां 50 करोड़ रुपए की लागत से 45 हजार हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र का काम होना था लेकिन सितंबर 2015 तक 22 हजार 624 हेक्टेयर क्षेत्र में ही काम किया जा सका। वह भी 56 करोड़ 11 लाख रुपए अधिक खर्च कर। अब शेष कार्य के लिए सरकार को करोड़ों रुपए अलग से खर्च करने होंगे।
मनमानी पर सीएम को पत्र लिखा है
हमें क्षेत्र के विकास कार्यों के लिए मात्र 7 करोड़ सालाना मिलते हैं। केंद्र से मिलने वाली राहत पैकेज की राशि राज्य सरकार अपनी मर्जी से उपयोग करती है। हमारा कोई दखल नहीं रहता। सीएम को पत्र लिखकर हमने प्राधिकरण के दखल की मांग की है।''
महेंद्र यादव,
उपाध्यक्ष, बुंदेलखंड विकास प्राधिकरण, मप्र