भोपाल। FAMOUS COLD DRINK COCA COLA पीने से एक व्यक्ति को फूड पॉइजनिंग हो गई। कंपनी इसे मानने को तैयार थी, लोकल कोर्ट से लेकर दिल्ली तक यह लड़ाई चली। अंतत: न्यायालय ने निर्णय दिया कि फूड पॉइजनिंग कोका कोला से ही हुई थी, अत: कंपनी पर जुर्माना लगाया गया। मप्र में कटनी के अधिवक्ता व जागरुक उपभोक्ता मौसूफ बिट्टू की शिकायत पर NATIONAL CONSUMER FORUM, NEW DELHI ने अहम फैसला सुनाया। इसके तहत कोल्ड ड्रिंक कंपनी पर 50 हजार 540 रुपए का जुर्माना लगाया गया। कोल्ड ड्रिंक कंपनी कोका कोला को निर्देश दिया गया है कि 45 दिन के भीतर राशि का भुगतान कर दिया जाए। ऐसा न किए जाने की सूरत में 9 फीसदी वार्षिक ब्याज भी लगेगा।
इसमें खास बात यह भी है कि अपने हक में फैसला सुनाए जाने के बाद बिट्टू ने नेशनल कंज्यूमर फोरम के सामने ही अपनी भावना व्यक्त करते हुए कहा कि वह जुर्माना राशि खुद न लेकर उपभोक्ता कल्याण निधि कोष में दान करता है। न्यायमूर्ति जेएम मलिक व डॉ.एसएम कतिनकर ने शिकायतकर्ता के इस जज्बे की न्यायपीठ से भूरि-भूरि सराहना की।
कटनी से भोपाल फिर दिल्ली तक कानूनी लड़ाई
नौ साल पहले 2007 में एडवोकेट बिट्टू ने कोका कोला कंपनी की ड्रिंक खरीदी। इसे पीने के बाद वह बीमार पड़ गया। रिपोर्ट में फूड पाइजनिंग की बात सामने आई। जब दूषित कोल्ड ड्रिंक बेचने को लेकर कंपनी से शिकायत की गई, तो शिकायत को झूठा करार दिया गया। लिहाजा, कानूनी लड़ाई शुरू कर दी गई। इसके तहत सबसे पहले कटनी उपभोक्ता फोरम में केस लगाया। वहां से हुए फैसले के खिलाफ भोपाल में अपील लगी। अंततः मामला नई दिल्ली तक पहुंच गया।