प्रमोशन में देरी हुई तो पिछला लाभ भी देना होगा: हाईकोर्ट | Employee Rights at Delay in promotions

Bhopal Samachar
बिलासपुर। हाईकोर्ट ने माना है कि विभागीय गलती से कर्मचारी को देर से मिली पदोन्न्ति के मामले में सुप्रीम कोर्ट का नो वर्क नो पे का न्याय सिद्धांत लागू नहीं होता। इसके साथ ही कोर्ट ने याचिकाकर्ता को पिछले सभी लाभ देने करने का आदेश दिया है। विभागीय गलती से कर्मचारी को देर से प्रमोशन देने और उसे पिछला लाभ नहीं देने के खिलाफ पेश याचिका में हाईकोर्ट ने महत्वपूर्ण निर्णय दिया है।

कोर्ट ने माना कि यदि कोई कर्मचारी पदोेन्न्त पद में काम करना चाहता है और उसे मौका नहीं दिया जाता या विभागीय गलती से कर्मचारी को प्रमोशन देर से मिला हो तो सुप्रीम कोर्ट का नो वर्क नो पे का न्याय सिद्धांत लागू नहीं होगा। ऐसे में कर्मचारी पिछला सभी लाभ पाने का हकदार है। कोर्ट ने याचिकाकर्ता के मामले में शासन को 3 माह के अंदर निर्णय लेकर पिछले सभी परिणामिक लाभ देने का आदेश दिया है।

क्या है मामला
याचिकाकर्ता लक्ष्मण प्रसाद की कोनी आईटीआई में वर्ष 1989 में कर्मशाला सहायक के पद में नियुक्ति हुई थी। 1994 में कर्मचारी को नियमित किया गया। 1 अप्रैल 1998 को वरिष्ठता सूची जारी की गई। इसमें याचिकाकर्ता का नाम 79 नंबर में था। उनकी बजाय वरिष्ठता सूची में 88 नंबर के कर्मचारी को वर्ष 2000 में प्रमोशन दे दिया गया। जूनियर को पदोन्न्ति देने के खिलाफ उसने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की।

हाईकोर्ट ने 19 मार्च 2003 को याचिकाकर्ता को पदोन्न्ति देने का आदेश दिया। हाईकोर्ट के आदेश पर प्रमोशन दिया गया, लेकिन नो वर्क नो पे के आधार पर उसे 2000 से 2003 तक का पिछला पदोन्न्त वेतनमान व अन्य सुविधा नहीं दी गइ्र। हाईकोर्ट ने शासन के इस निर्णय को खारिज किया है।

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!