नई दिल्ली: हर किसी का सपना होता है कि एक घर अपना हो। अब मोदी सरकार आपका ये सपना पूरा कर सकती है। दरअसल, सरकार एक ऐसी योजना पर काम कर रही है, जिसके लागू होने के बाद कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के 5 करोड़ से ज्यादा ग्राहक रिटायरमेंट के लिए जोड़ी गई रकम के बदले सस्ते घर पा सकेंगे। श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने सोमवार को लोकसभा में एक जानकारी देते हुए कहा कि अभी ये योजना शुरुआती चरणों में है और इसे अमली जामा पहनाने की कोशिश की जा रही है।
सस्ते में घर दिलाने की योजना
ईपीएफओ इस योजना पर पिछले कुछ समय से काम कर रहा है और इस बाबत बोर्ड की मीटिंग में पहले भी चर्चा हो चुकी है। विचार किया जा रहा है कि लोगों को घर दिलाने के लिए ईपीएफ की बचत का कैसे इस्तेमाल किया जाए। एक योजना यह है कि लोगों को ईपीएफ की अपनी मौजूदा बचत के बदले सस्ते घर दे दिए जाएं और भविष्य में वो ईपीएफ की मासिक रकम को, ईएमआई के तौर पर चुकाते रहें।
बैंकों से किया जाएगा समझौता
इसके लिए ईपीएफओ बैंकों के साथ समझौता करने की सोच रहा है। फिलहाल ये योजना सिर्फ मामूली कमाई वाले छोटे कर्मचारियों के लिए सोची जा रही है, क्योंकि ये देखा गया है कि ये लोग सारी जिंदगी नौकरी करने के बाद भी अपना घर नहीं खरीद पाते हैं।
सारी जिंदगी काम कर नहीं बनता घर
सरकार इस बात से चिंतित है कि बड़ी तादाद में लोग ईपीएफ का पैसा रिटायरमेंट से पहले निकाल कर खर्च कर देते हैं। इस कारण बुढ़ापे में उनका हाथ बिल्कुल खाली होता है। ये लोग सारी जिंदगी नौकरी करने के बाद भी अपना घर नहीं खरीद पाते हैं।इस साल नियमों में बदलाव करके सरकार ने कोशिश की थी कि ईपीएफ का पैसा रिटायरमेंट से पहले निकालने पर रोक लगाए। लेकिन कर्मचारियों के विरोध के चलते सरकार को ये फैसला बदलना पड़ा।