बैतूल। घोड़ाडोंगरी उपचुनाव में भाजपा कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती है। भाजपा ने अपनी जीत पक्की करने के लिए नेताओं-मंत्रियों, संगठन पदाधिकारियों और आरएसएस से लेकर कार्यकर्ताओं तक की बड़ी फ़ौज पूरे विधानसभा में फैला दी है लेकिन इन सबके बीच एक ऐसा नाम भी खास तौर पर सामने आया है जिसने खुद भाजपा पदाधिकारियों को हैरत में डाल दिया है।
बैतूल के पूर्व कलेक्टर और मुख़्यमंत्री के पूर्व ओएसडी अरुण भट्ट ने पिछले 17 मई को ओएसडी के पद से इस्तीफा देकर खुद को भाजपा के प्रचार अभियान से जोड़ लिया है। वे अब मुख्यमंत्री के साथ रहकर उनके हर दौरे की कमान संभाल रहे हैं। बैतूल में 2007 से 2009 तक कलेक्टर रहे भट्ट जिले से वाकिफ हैं, इसीलिए उन्हें यहां उप चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री के रोड शो से लेकर सभाओं को तय करने की जिम्मेदारी सौंपी गयी है।
उनके मैदान में उतरने से जहां कांग्रेसी खेमे में हड़कम्प है वही भाजपाई भी सतर्क हैं। हालांकि इस चुनाव में उनकी सक्रियता को देखते हुए समाजवादी जनपरिषद श्रमिक आदिवासी संघठन और कांग्रेस ने चुनाव आयोग से उनकी सक्रियता की शिकायत कर दी थी। जिसके कारण आरएसएस और भाजपा के प्रदेश संगठन के दबाव के चलते मुख्यमंत्री ने उनसे इस्तीफा लिया। और फिर मुख्य मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भट्ट को घोड़ाडोंगरी उपचुनाव में रथ का सारथी बना लिया।
बहरहाल कुछ भी हो बैतूल भाजपा का एक बड़ा तबका खासा नजर आ रहा हैं। भाजपा के एक वरिष्ट नेता ने नाम नही छापने की शर्त पर कहा की अब पार्टी में कार्यकर्ताओं की शायद कमी हो गई हैं या भाजपा के प्रदेश नेतृव का बैतूल भाजपा से भरोसा खत्म हो गया हैं जिसके चलते पूर्व आईएएस अधिकारी अरुण भट्ट को घोड़ाडोंगरी विधान सभा उप चुनाव की बागडोर सौंपी है।