भोपाल। शिवराज सरकार के संकट मोचक, मुख्यमंत्री के राइटहेंड ओर ना जाने क्या क्या हो चुके नरोत्तम मिश्रा के पास स्वास्थ्य मंत्री की सरकारी जिम्मेदारी है। जो व्यक्ति तमाम मोर्चों पर बेहतरीन परफार्मेंस दे रहा है, उसके अपने विभाग की हालत लगातार खस्ता बनी हुई है। मप्र में स्वास्थ्य सेवाओं की हालत यह हो गई है कि 'ओरेंज अलर्ट' के वक्त भी शहडोल का आईसीयू एक कूलर के सहारे चल रहा है।
शहडोल में इस समय पारा 44 डिग्री के भी ऊपर चल रहा है। ऐसे में जिला अस्पताल में सबसे ज्यादा परेशानी उन मरीजों को उठानी पड़ रही है, जिनका शरीर आग की चपेट में आने से झुलस गया है। ट्रॉमा की बर्न युनिट फुल पड़ी है। इस कारण कुछ मरीजों को इलाज के लिए सर्जिकल वार्ड में रखा गया है लेकिन यहां के जो हालात हैं उससे मरीजों को आराम मिलने की जगह और तकलीफ से गुजरना पड़ रहा है।
इस वार्ड में सिर्फ पंखे और कूलर लगे हैं लेकिन न तो यहां के पंखे ठीक से काम करते हैं और न ही सभी कूलर। मरीजों के परिजनों की मानें तो खिड़कियों में लगे कूलर में से सिर्फ एक ही ठीक से काम कर रहा है और बाकी सभी बंद पड़े हैं। ऐसे में मरीजों के पास अपने जख्मों के ऊपर आग बनकर बरसती इस गर्मी के कारण छटपटाने के अलावा और कोई रास्ता नहीं है।