
राष्ट्रपति की मंजूरी के साथ ही सुप्रीम कोर्ट का आदेश 1 साल के लिए स्थगित हो गया। राज्यों को एक साल के लिए राहत मिल गई, जिसमें सभी सरकारी कॉलेज, डीम्ड विश्वविद्यालय और निजी मेडिकल कॉलेज नीट के दायरे में आ गए थे। राष्ट्रपति मुखर्जी ने राज्य बोर्डों को समान चिकित्सा प्रवेश परीक्षा (एनईईटी) के दायरे से बाहर रखने के एक अध्यादेश पर स्वास्थ्य मंत्रालय से कुछ बिंदुओं पर और जानकारी तथा स्पष्टीकरण मांगा था।
इस पर उन्होंने सोमवार को राष्ट्रपति से मुलाकात की और उन्हें अध्यादेश लाने की जरूरत के बारे में बताया। मुलाकात आधे घंटे से ज्यादा चली, जिसमें मंत्री ने राष्ट्रपति को राज्य बोर्डों की विभिन्न परीक्षाओं, पाठ्यक्रम तथा क्षेत्रीय भाषाओं के तीन मुद्दों पर जानकारी दी। राष्ट्रपति ने पहले नड्डा के मंत्रालय से राज्यों के बोर्डों को नीट के दायरे से बाहर रखने के लिए अध्यादेश का मार्ग अपनाने के कारण पूछे थे।
अध्यादेश शनिवार को राष्ट्रपति को भेजा गया था। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को इसे मंजूरी दी थी। इसका उद्देश्य सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश को आंशिक रूप से बदलना है, जिसमें कहा गया है कि सभी सरकारी कॉलेज, डीम्ड विश्वविद्यालय और निजी मेडिकल कॉलेज नीट के दायरे में आएंगे।