
LATEST UPDATE: चिकित्सा शिक्षा संचालक डॉ.जीएस पटेल का कहना है कि अध्यादेश के प्रावधानों के अनुसार राज्यों को एक साल की नीट से अलग परीक्षा कराने की छूट दी गई है। चूंकि मप्र में राज्य सरकार परीक्षा नहीं करा रही था। इसलिए इस छूट का मप्र में कोई औचित्य नहीं है। प्रदेश में काउंसलिंग पहले से तय शेड्यूल के मुताबिक ही होगी। अभी नीट की पहले चरण की परीक्षा 1 मई को हो चुकी है। अगले चरण की परीक्षा 24 जुलाई को होगी। इसके बाद 17 अगस्त से काउंसलिंग शुरू करने करने का शेड्यूल है।
इसलिए मप्र अध्यादेश से रहेगा अछूता
AIPMT, CBSE आयोजित करती थी, जो 15% आल इंडिया कोटा व 85 फीसदी राज्य सरकार के कोटे के लिए की जाती थी। व्यापमं घोटाले के बाद प्रदेश सरकार द्वारा व्यापमं के बजाय आल इंडिया पीएमटी (एआईपीएमटी) के जरिए प्रवेश परीक्षा कराई जा रही है। चूंकि अब सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद एआईपीएमटी नीट में तब्दील हो गई है। लिहाजा सरकार ने तय किया है कि अलग से परीक्षा की बजाय नीट को मान्य किया जाए।
निजी और सरकारी दोनों मेडिकल कालेजों में होगा प्रवेश
चिकित्सा शिक्षा संचालनालय प्रदेश के सरकारी मेडिकल कालेजों की 756 सीटों व प्राईवेट मेडिकल कालेजों की 1200 सीटों के लिए काउंसलिंग कराएगा। काउंसलिंग में वही विद्यार्थी हिस्सा ले पाएंगे, जो नीट क्लीयर कर आएंगे। नीट द्वारा तैयार मेरिट लिस्ट के आधार पर परीक्षार्थी प्रवेश के पात्र होंगे।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर इस वर्ष नीट की दो परीक्षाएं आयोजित हो रही हैं। जिन विद्यार्थियों ने पहले चरण की परीक्षा दी है,वह दूसरे चरण की परीक्षा भी दे सकेंगे। लेकिन उनकी मेरिट फिर दूसरे चरण की परीक्षा के आधार पर ही तैयार होगी।