भोपाल। बुंदेलखंड विशेष पैकेज की राशि में भ्रष्टाचार करने के मामले में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के दो दर्जन अफसरों पर तलवार लटक गई है। सामान्य प्रशासन विभाग ने मुख्य तकनीकी परीक्षक सतर्कता से कराई जांच रिपोर्ट पीएचई विभाग को सौंपते हुए दोषी अफसरों पर कार्रवाई की सिफारिश की है।
केन्द्र सरकार ने आठ साल पहले बुंदेलखंड विशेष पैकेज के अन्तर्गत 3700 करोड़ रुपए की राशि जारी की थी। इस राशि का अधिकांश हिस्सा पीएचई को मिला था। वन विभाग और जल संसाधन विभाग सहित आधा दर्जन अन्य विभागों को भी उपलब्ध कराई गई थी। लेकिन कुछ समय में ही केन्द्र की राशि में व्यापक भ्रष्टाचार होने के मामले सामने आने लगे। इसमें लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग अव्वल रहा।
और बेनकाब होते गए चेहरे...
पीएचई मंत्री कुसुम सिंह महदेले ने आरोप लगाया था कि बुंदेलखंड विशेष पैकेज में व्यापाक भ्रष्टाचार हुआ। इसे लेकर पवन घुवारा नाम के व्यक्ति ने हाईकोर्ट में कार्रवाई के लिए जनहित याचिका लगाई। हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव को निर्देश दिए कि तीन माह में कार्रवाई सहित रिपोर्ट अदालत को सौंपे। सीएस के निर्देश पर जांच कार्रवाई में तेजी आई और पीएचई अफसर निशाने पर लिए गए। पन्ना में वन विभाग के तहत विशेष पैकेज के नाम पर भारी भ्रष्टाचार के मामले उजागर हुए। तत्कालीन आईएफएस अधिकारी और डीएफओ निशाने पर आए, जांच में अहम दस्तावेज सामने आए। छतरपुर वन मंडल अंतर्गत भी गड़बड़ी सामने आने पर मनीष जैन ने लोकायुक्त से शिकायत की है। डीएफओ पर कार्रवाई की मांग की गई है।