RGPV रिवेल्युएशन में 24% फेल विद्यार्थी पास हो गए

Bhopal Samachar
भोपाल। राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने सातवें सेमेस्टर की परीक्षाओं के पुनर्मूल्यांकन के रिजल्ट घोषित कर दिए हैं। इसमें करीब 24 फीसदी रिजल्ट का परिवर्तन हुआ है। इससे तय हो गया है कि मुख्य परीक्षा में किए गए मूल्यांकन में प्रोफेसरों ने काफी अनियमितताएं बरती हैं। इसके कारण 24 फीसदी विद्यार्थी फेल हो गए थे। 

परीक्षा में 68 फीसदी विद्यार्थी फेल हुए थे। इसके बाद आरजीपीवी ने पुनर्मूल्यांकन के आवेदन जमा कराए थे। फेल हुए करीब साढ़े चार हजार विद्यार्थियों ने आवेदन किए थे। आरजीपीवी ने इसका रिजल्ट विगत दिवस जारी किया था। इसमें करीब 24 फीसदी रिजल्ट में परिवर्तन आया है और विद्यार्थी पास हुए हैं। जबकि पूर्व में ये रिजल्ट चार से पांच फीसदी रहता था। जानकारी मुताबिक आरजीपीवी ने अपना मूल्यांकन बाहरी राज्य के प्रोफेसरों से कराया था, जिन्होंने जरा भी गंभीरता नहीं दिखाई। उन्होंने ये मूल्यांकन अपने असिस्टेंट और रिसर्च स्कॉलर से कराया है। इसके कारण विद्यार्थियों द्वारा दिए गए जवाबों का वे सही तरीके से मूल्यांकन नहीं कर सके। इस कारण विद्यार्थी फेल हुए। अब 76 फीसदी विद्यार्थियों को चैलेंज करने का मौका दिया जाएगा। मौजूदा स्थिति में चैलेंज का विकल्प नहीं खोला गया है, इससे विद्यार्थी आरजीपीवी में परेशान घूम रहे हैं।

छोटे अंकों के बड़े प्रश्न
सातवें सेमेस्टर में मैथ्स के पेपर में दो, तीन और सात अंक प्रश्न काफी बड़े थे। इसके कारण विद्यार्थियों को एडवांटेज दिया गया है। इससे भी रिजल्ट में करीब आठ फीसदी बदलाव आया था। बिगड़ा मूल्यांकन और दिया एडवांडेट विद्यार्थियों के भविष्य और आरजीपीवी की प्रतिष्ठा पर सवाल खड़े कर रहे हा। नॉन ग्रेडिंग में कोई रिजल्ट नहीं आया है।

DTE को काउंसलिंग कराने JEE मैंस की मैरिट का इंतजार
भोपाल। प्रदेश के करीब 200 इंजीनियरिंग कॉलेजों में 90 हजार सीटों पर तकनीकी शिक्षा विभाग को काउंसलिंग कर प्रवेश कराना है। सीबीएसई ने जेईई मैंस के रिजल्ट जारी कर दिए हैं। अब डीटीई को सिर्फ जेईई मैंस की मैरिट सूची का इंतजार है। मैरिट 15 जून तक डीटीई पहुुंचेगी। देशभर से करीब साढ़े 11 लाख विद्यार्थियों ने जेईई मैंस दी है, जिसमें प्रदेश से करीब 80 हजार विद्यार्थी शामिल हुए थे। सीबीएसई को उनकी मैरिट तैयार करना है। डीटीई को जुलाई तक प्रवेश देना है। सूची के अभाव में तय समय सीमा में प्रवेश देने के लिए काउंसलिंग कराना मुश्किल है। मैरिट में विलंब होने से काउंसलिंग का कार्यक्रम बिगड़ सकता है। इसलिए डीटीई मैरिट के पूर्व पंजीयन और सत्यापन की व्यवस्था करेगा।  इससे समय बचेगा और प्रवेश हो सकेंगे। इसके साथ डीटीई को एआईसीटीई से मान्यता प्राप्त कालेजों की सूची और सीटों की संख्या आना है, जो मई के अंतिम दिन तक आने की उम्मीद है।

इसके बाद कालेज राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय से कोर्स निरंतरता और संबद्धता लेंगे। इसके बाद डीटीई कुल सीटों पर प्रवेश कराने के लिए काउंसलिंग कराएगा।

15 जून ही क्यों
सीबीएसई जेईई मैंस की मेरिट 12 वीं के अंकों के आधार पर बनती है। 15 जून तक देश के सभी राज्यों के स्कूल बोर्ड के रिजल्ट आ जाएंगे। वर्तमान में दिल्ली बोर्ड का रिजल्ट आ चुका है और माध्यमिक शिक्षा मंडल भोपाल का 12 मई को रिजल्ट आ जाएगा। सीबीएसई ने आदेश जारी किए हैं, जो बोर्ड 15 जून के पहले रिजल्ट नहीं दे पाएंगे। उनके विद्यार्थियों को मेरिट में स्थान नहीं दिया जाएगा। इसलिए ऐसे विद्यार्थी जेईई मैंस में शामिल नहीं हों।

दस हजार सीटों सरेंडर की उम्मीद
गत वर्ष प्रदेश के सभी कालेजों ने करीब दस हजार सीटें सरेंडर की थीं। ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि आगामी सत्र 2016-17 में प्रवेश देने के लिए सभी कालेज दस सीटें सरेंडर कर सकते हैं। इससे प्रदेश में करीब 80 हजार सीटें बचेंगी, जिसमें प्रवेश दिए जा सकते हैं।
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