
इस व्यवस्था के तहत चेलेंज के लिए आववेदन करने वाले परीक्षार्थियों की पहले वेबसाइट पर आंसर शीट अपलोड की जा रही है। छात्र इस आंसर शीट को खुद चैक कर सकते हैं। इसके अलावा वे किसी प्रोफेसर्स से भी चैक करवा सकते हैं। इसके बाद अगर उन्हें लगता है कि इस आंसर शीट को दोबारा चैक करवाने की जरूरत है, तो वे विवि के मेल पर अपनी टीप लिखेंगे। अगर छात्रों का तर्क सही पाया जाता है और ऐसा लगता है कि इस उत्तर पुस्तिका को दोबारा जांचे जाने की आवश्यकता है, तो उसकी दोबारा जांच की जाएगी।
री-वेल्यूएशन के बाद चेलेंज
अब विवि ने री-वेल्यूएशन के बाद चैलेंज का आवेदन किए जाने की प्रक्रिया शुरू की है। पहले छात्रों को री-वेल्यूएशन का आवेदन भरना होगा। इसमें संतुष्ट नहीं होने पर छात्र चेलेंज के लिए आवेदन करेंगे। चैलेंज के लिए आवेदन करने वाले सभी छात्रों की आंसर शीट को वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा।
पहले यह थी व्यवस्था
चैलेंज करने वाले छात्रों को विवि में बुलाया जाता था। उनकी उपस्थिति में चार प्रोफेसर्स द्वारा आंसर शीट की जांच कराई जाती थी। इससे अव्यवस्था होती थी और छात्र मूल्यांकन प्रक्रिया पर आरोप भी लगाते थे। इसको देखते हुए नई व्यवस्था लागू की गई है।
नई व्यवस्था का फायदा
विवि के एग्जाम कंट्रोलर डॉ. मोहन सेन का कहना है कि नई व्यवस्था से छात्र अपनी आंसर शीट खुद देख सकेंगे। इससे उन्हें अंदाजा भी लग जाएगा कि उन्होंने क्या किया है। इसके अलावा इस व्यवस्था के डर से मूल्यांकन करने वाले शिक्षक भी गलती नहीं करेंगे।