नईदिल्ली। सहारा, पीएसीएल, शारदा और ऐसी ही तमाम फर्जी इंवेस्टमेंट प्लान चलाने वाली कंपनियों के खिलाफ प्रधानमंत्री ठोस कानून चाहते हैं। ताकि देश के आम नागरिकों को इस कंपनियों के मायाजाल से बचाया जा सके। यह जानकारी वित्त मंत्रालय की स्थायी संसदीय समिति के सदस्य और गोड्डा, झारखंड से सांसद निशिकांत दुबे ने दी।
भाजपा सांसद ने बताया कि निवेशकों के साथ होने वाले फ्रॉड को रोकने के लिए संसद के मॉनसून सत्र में नया बिल लाया जा सकता है। सरकार की योजना है कि आम आदमी से अनैतिक रूप से पैसे जमा करने वालों पर नकेल कसी जाए। ऐसे लोग फर्जी योजनाओं के जरिए लोगों का पैसा जमा करते हैं और बड़ा मुनाफा कमाते हैं।
मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट ने सहारा को निवेशकों का पैसा लौटाने का आदेश दिया था लेकिन जब वह पैसा नहीं लौटा पाए तो सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय को 2014 में जेल भेज दिया गया। पीएसीएल एवं शारदा जैसी कंपनियों के खिलाफ भी कार्रवाई चल रही है परंतु निवेशकों का पैसा अटका हुआ है। सेबी के पास 100 करोड़ से ज्यादा मामलों में जांच करने और खातों को फ्रीज करने का अधिकार है लेकिन कानून बनाने वालों का मानना है कि गरीब निवेशकों को बचाने के लिए और कड़े कानून की जरूरत है।