जयपुर। राजस्थान की राजधानी जयपुर के बाहरी क्षेत्र में स्थित बेनाड़ा गांव के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में दलित छात्रों ने रोजाना 2 बार झाडू लगवाई जाती है। यदि वो ना नुकर करते हैं तो उन्हे स्कूल से निकाल देने की धमकी दी जाती है।
बेनाड़ा गांव में काफी दलित रहते हैं, लेकिन यहां गुर्जर ज्यादा संख्या में हैं। पिछले साल भारत ज्ञान विज्ञान समिति (BGVS) नाम के एनजीओ की PIL पर राजस्थान हाईकोर्ट ने आदेश दिया था कि जयपुर और आसपास के क्षेत्रों में 100 टॉयलेट्स का स्टेट्स रिव्यू किया जाए। इसी संबंध में BGVS ने अपने ऑब्जरवेशन के बारे में कहा कि इस क्षेत्र में बड़ी गंभीर समस्या चल रही है, जिसे हम उठा रहे हैं। यहां दलित लड़के-लड़कियों को टीचर्स और एडमिनिस्ट्रेशन टॉयलेट साफ करा रहे हैं।
राजस्थान के इस हिस्से में दलितों को आज भी अछूत समझा जाता है और उनके साथ बुरा बर्ताव किया जाता है। BGVS के राजस्थान प्रेसीडेंट कोमल श्रीवास्तव ने कहा कि बच्चों को साफ-सफाई सिखाई जानी चाहिए। स्वच्छता अभियान में उनकी भागीदारी हो, इससे किसी को ऐतराज नहीं है, लेकिन जाति के आधार पर उनके साथ बुरा बर्ताव नहीं होना चाहिए। दलित छात्रों के पेरेंट्स कहते हैं कि टीचर उनके बच्चों के हाथ से पानी नहीं पीते हैं। गुर्जरों के बच्चों की तुलना में मिड-डे मील का बहुत थोड़ा सा हिस्सा दलित छात्रों में बांटा जाता है। गुर्जरों छात्रों को स्कूल टीचर साफ-सफाई के लिए कभी नहीं कहते हैं। यह कार्य हमेशा दलित छात्रों से ही कराया जाता है।