भोपाल। शिक्षा का अधिकार कानून (आरटीई) के तहत अब हर मिडिल स्कूल में शिक्षकों का क्रम क्रमश: विज्ञान, गणित और अंग्रेजी होगा। यानी पहला शिक्षक विज्ञान, दूसरा गणित और तीसरा अंग्रेजी का होगा। विज्ञान विषय वाले शिक्षक को गणित विषय पढ़ा होना जरूरी है। स्कूल शिक्षा विभाग के उप सचिव प्रमोद सिंह ने पदों की इस तरह की संरचना जारी कर दी है।
प्राइवेट व सरकारी सभी मिडिल स्कूलों के लिए पदों की यह शिक्षकों की भर्ती की संरचना जारी की गई है। इसके तहत मिडिल स्कूल में कम से कम तीन शिक्षक होना जरूरी होगा। यानी हर कक्षा के लिए एक शिक्षक का पद हो। साथ ही 35 बच्चों पर न्यूनतम एक शिक्षक रहेगा। छात्र संख्या के आधार पर शिक्षकों की संरचना में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है।
शिक्षक ज्यादा तो ऐसे रखे जाएंगे
इसके अलावा यदि किसी मिडिल स्कूल में छात्र-शिक्षक अनुपात में शिक्षकों की संख्या ज्यादा हो तो उनका क्रम इस तरह रहेगा। पहले तीन के बाद चौथे नंबर पर भाषा का शिक्षक रहेगा। इसमें संस्कृत, उर्दू, मराठी, गुजराती भाषाएं शामिल हैं। पांचवें नंबर का शिक्षक विज्ञान यानी जीव विज्ञान का रहेगा। जबकि छठवें नंबर का क्रम सामाजिक विज्ञान का होगा। वह ऐसा शिक्षक होगा जिसका मुख्य विषय हिंदी विषय सहित सामाजिक विज्ञान रहा हो।
इसी क्रम को दोहराना होगा:
इतना ही नहीं यदि किसी मिडिल स्कूल में शिक्षकों की संख्या 6 से ज्यादा हो तो क्रम को दोहरा दिया जाएगा। पहले से छठवें तक ऊपर दिए गए क्रम के अनुसार शिक्षकों की नियुक्ति कर दी जाएगी।
जरूरी हुआ तो ही बढ़ेंगे पद
मिडिल स्कूल में शिक्षक की पद स्थापना से आशय यह है कि संबंधित विषय या विषय समूह में ग्रेजुएट होना जरूरी होगा। साथ ही इस संरचना का अर्थ यह कतई नहीं हैं कि संबंधित स्कूल में जबरन पद निर्मित किए जाएं। यदि किसी स्कूल को पद निर्मित करना है तो उसकी मंजूरी प्रबंधन को अलग से लेना होगी। इसके बाद ही संबंधित स्कूल मंजूर पदों पर भर्ती की जा सकेगी।