नईदिल्ली। लोग Whatsapp पर चुटकुलों को पढ़ने और फारवर्ड करने में सारा दिन गुजार देते हैं परंतु पंजाबी पुत्तर डाॅ. अमित पाल शर्मा का जुनून ही कुछ और था। इस जुनून में वो अकेला नहीं था, उसके पापा अमरजीत शर्मा भी शामिल थे। पापा रोज Whatsapp पर आईएएस के नोट्स भेजते और अमरजीत पढ़ाई करता। यह सारी कसरत उस वक्त चल रही थी जब अमरजीत आईपीएस पास कर चुका था और ट्रेनिंग में था। आईपीएस की ट्रेनिंग के दौरान ही सिविल सर्विस का एग्जाम दिया और 17वां रैंक हासिल कर लिया।
डाॅ. अमित पाल शर्मा आईपीएस की ट्रेनिंग पूरी करने में महज 4 महीने बचे हैं, लेकिन अब डाॅ. अमित पाल शर्मा सिविल सर्विस को ही ज्वाइन करेंगे। अमित शर्मा के अनुसार साल 2014 में उनका 139वां रैंक था तो आईपीएस की ट्रेनिंग ज्वाइन कर ली। फिर भी सिविल सर्विस की तरफ ध्यान रहता था। सुबह 4.30 से लेकर शाम 7.30 बजे का टाइम तो ट्रेनिंग में निकल जाता।
रोज 8 घंटे की तैयारी
अमित बताते है कि वे रात को 8 घंटे सिविल सर्विस की तैयारी करते। इसमें मां प्रेम शर्मा और पिता अमरजीत शर्मा का विशेष सहयोग रहा। यहां न्यूज पेपर पढ़ने का टाइम नहीं रहता था इसलिए मां और पिता जी ने लुधियाना में 10 न्यूज पेपर लगवा रखे थे। वो दिन भर इन न्यूज पेपर्स को पढ़ते फिर अलग-अलग नोट्स तैयार कर वाट्सएप पर भेजते रहते। उनकी मेहनत का नतीजा है कि आज मैं सिविल सर्विस में 17वां रैंक ले सका हूं।