ग्वालियर। मप्र के स्वास्थ्य मंत्री श्री नरोत्तम मिश्रा ग्वालियर संभाग के सबसे बड़े अस्पताल जेएएच का निरीक्षण करने आए। उनका यह निरीक्षण मात्र 10 मिनट में पूरा हो गया। इस दौरान वो कुछ मरीजों से मिले। बातचीत की। व्यवस्थाओं पर संतोष जताया और बस।
मीडिया से मुलाकात के दौरान अस्पताल की तमाम खामियों को अनदेखा कर उन्होंने निजी अस्पतालों के लिए तय गाइड लाइन बताना शुरू कर दी। उन्होंने कहा कि निजी अस्पताल संचालक मरीज का इलाज करते हैं और हालत बिगड़ने पर उसे सरकारी अस्पताल में रैफर कर देते हैं। अब किसी भी मरीज को रैफर करने के साथ अस्पताल प्रबंधन को रैफर लेटर में ये बताना होगा कि उनके यहां मरीज कब से भर्ती था, उसका क्या इलाज किया, कौन सी दवाइयां दी गईं और कुल कितना पैसा लिया गया।
दवा घोटाले का सबूत नजर अंदाज
श्री मिश्रा रविवार को रात 9 बजे अचानक जेएएच के मेडिसन वार्ड-1 में पहुंचे। उन्हाेंने वार्ड में रखी दवा का रैपर उठाकर देखा, तो उनको एक्सपायरी डेट नजर नहीं आई। तब वहां मौजूद जूनियर डॉक्टर ने उन्हें एक्सपायरी डेट दिखाई। श्री मिश्रा ने वार्ड में भर्ती मरीज पंजाब सिंह से पूछा-इलाज कैसा हो रहा है, इस पर उन्होंने ठीक बताया। उन्होंने जेएएच में मिलने वाले खाने के बारे में पूछा। इसके बाद वे आईसीयू के स्पेशल वार्ड में पहुंचे और यहां भर्ती मरीज मेवालाल वाल्मीकि से चर्चा की। यहां पर अटेंडेंट ने नल में पानी नहीं आने की बात कही। इस पर श्री मिश्रा ने नल खोला तो उससे पानी आ गया। जेएएच में दवाओं की कमी के सवाल पर उन्होंने कहा कि कोई कमी नहीं है। इस पर उनसे ड्रग स्टोर चेक करने की बात कही, तो उन्होंने टाल दिया।