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राज्य शिक्षा केंद्र की आयुक्त दीप्ति गौड़ मुकर्जी ने इन स्कूलों के संचालन के लिए सभी जिलों के जिला परियोजना समन्वयकों से वर्तमान इंफ्रास्ट्रक्चर की जानकारी मांगी है। प्रदेश के विभिन्न जिलों में करीब 5 हजार अभिभावकों के सर्वे में की गई मांग के बाद राज्य शिक्षा केंद्र की ओर से अंग्रेजी मीडियम में प्रारंभिक कक्षाओं को पढ़ाने का निर्णय लिया गया है।
अधिकतर अभिभावक चाहते हैं कि प्राइवेट स्कूलों की तर्ज पर हर जिले में अंग्रेजी मीडियम के सरकारी स्कूल हों। इससे गरीब व वंचित वर्ग के लोग भी अपने बच्चों को ऐसे स्कूलों में पढ़ा सकें। ऐसी ही संभावनाओं को देखते हुए यह शुरुआत की जा रही है।
कॉन्सेप्ट स्कूल से शुरुआत
इस तरह की कवायद पिछले तीन सालों से स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा की जा रही है। सबसे पहले टीटी नगर स्थित सम्राट मिडिल स्कूल परिसर में वहां के एक शिक्षक महेंद्र तिवारी को नियुक्त कर ऐसे अंग्रेजी मीडियम स्कूल की शुरुआत की गई, जो सफल रही। हालांकि उस दौरान उसे कॉन्सेप्ट स्कूल के नाम से संबोधित किया गया था। राज्य शिक्षा केंद्र ने भी उसी कॉन्सेप्ट को प्रदेशभर में लागू करने का निर्णय पिछले शिक्षण सत्र के दौरान लिया। अब इसी योजना का आगे विस्तार किया जा रहा है।
अतिशेष शिक्षकों का करेंगे उपयोग
फिलहाल नए अंग्रेजी मीडियम के स्कूलों के लिए कोई नई बिल्डिंग नहीं बनाई जाएगी। वर्तमान में जिन स्कूलों में काफी जगह और अच्छा इंफ्रास्ट्रक्चर है, उनमें ही इनकी शुरुआत की जाएगी। इन पर अलग से कोई बजट भी खर्च करने की योजना नहीं है। इसी तरह अतिशेष शिक्षकों का उपयोग इस योजना के लिए किया जाएगा।
तब तक हो जाएगी नई भर्ती...
वर्तमान में इन स्कूलों में कक्षा-5 तक अंग्रेजी विषय के शिक्षकों की जरूरत नहीं होगी। जब यह बच्चे अगले पांच सालों के दौरान छठवीं कक्षा में पहुंच जाएंगे, तब तक स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा अंग्रेजी विषय के शिक्षकों की भर्ती कर ली जाएगी। संभवत: अगले शिक्षण सत्र तक यह भर्ती हो जाने की संभावना है।
हां मंजूरी मिल गई है
हर जिले में मौजूद 10-10 सरकारी स्कूलों में अंग्रेजी मीडियम कोर्स पढ़ाने की मंजूरी केंद्र सरकार से मिल गई है। मौजूदा इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ ही इन स्कूलों को शुरू करने जा रहे हैं।
दीपक जोशी, स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री मप्र