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वर्दी वाली मूवी देखा करते थे बचपन में
राजीव बताते हैं कि बारह से ज्यादा इंटरव्यू में फेल होने से निराश हो चुके माता-पिता अब उनके कामों को देखकर धीरे धीरे खुश होने लगे है। मेरी बचपन से ही वर्दी पहनकर देश और समाज की सेवा करने की इच्छा थी। छोटा था तो वर्दी वाली मूवी देखा करता था। बार-बार मूवी देखने के कारण डायलॉग भी याद हो गए थे। अपने सपने को पूरा करने बारहवीं के बाद ही प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी में जुट गया। धीरे-धीरे शुरुआती सफलता मिली और इंटरव्यू के लिए बुलावा आने लगा। लगभग बारह से ज्यादा इंटरव्यू दिए पुलिस, आर्मी और पैरामिलिट्री अफसर के मगर दुर्भाग्यवश सफलता नहीं मिली। मम्मी और पापा कुछ बोलते नहीं थे पर मैं अहसास कर सकता था कि वे हर बार उम्मीद लगाकर निराश हो जाते थे। यह बात मुझे हमेशा कचोटती थी। आखिर मैंने डिसाइड किया कि कुछ ऐसा करूंगा कि जिससे मम्मी और पापा को गर्व महसूस हो सकें।
जहां दिया PSC का एग्जाम, उसी एकेडमी में दे रहे ट्रेनिंग
जिन राज्यों की पीएससी परीक्षा के इंटरव्यू में विजिटिंग प्रोफेसर फेल हो गए थे। अब वहीं की अकादमी में ट्रेनिंग दे रहे हैं। उन्होंने दो बार छत्तीसगढ़ पीएससी की परीक्षा दी थी। इसके अलावा वे मध्यप्रदेश और बिहार पीएससी की परीक्षा में भी बैठ चुके हैं। राजधानी के पास स्थित छत्तीसगढ़ राज्य पुलिस अकादमी, चंद्रखुरी में वे 2014 बैच के आईपीएस और 2014, 2015 बैच के डिप्टी एसपी को ट्रेनिंग दे चुके हैं। रायपुर में उनके चाचा और बिलासपुर में उनकी बुआ रहती हैं। छत्तीसगढ़ में अफसरों को ट्रेनिंग के लिए आने पर उनके रिश्तेदार काफी खुश थे। इसके अलावा वे एमपी पुलिस एकेडमी में भी ट्रेनिंग दे चुके हैं।
बने पुलिस अफसरों के मोटिवेटर
राजीव सिंह ने पुलिस, पब्लिक और मीडिया को करीब लाने के लिए एक वाट्सएप ग्रुप बनाया है। सौ से ज्यादा मेंबर वाले इस ग्रुप में देश भर के पुलिस अफसरों, पत्रकारों के साथ समाज के विभिन्न क्षेत्रों के पदमश्री अवार्ड प्राप्त कलाकर व फिल्म जगत की नामी हस्तियां भी जुड़ी हुई है। वे हमेशा पुलिस अफसरों को मोटिवेट करने की कोशिश करते हैं। इसके अलावा वे सोशल मीडिया में भी लगातार एक्टिव रहते हैं।