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नेशनल ज्वाइंट काउंसिल ऑफ एक्शन के संयोजक शिव गोपाल मिश्र ने प्रदर्शन को संबोधित करते हुए कहा कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लेकर, नई पेंशन योजना को समाप्त करने तथा पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने तथा कर्मचारियों की लंबित मांगों का समाधान न होने के कारण सभी केंद्रीय कर्मचारियों में भारी रोष है।
प्रेस सचिव मलिक ने कहा कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिश कर्मचारी विरोधी है तथा सरकार कर्मचारियों की मांगों को गंभीरता से नही ले रही है। 9 जून को ही हड़ताल के संबंध में नोटिस दे दिया गया है। इसलिए 13 जुलाई को प्रस्तावित हड़ताल से नुकसान की जिम्मेदारी सरकार की होगी। रेलवे कर्मचारियों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर अधिकारियों को ज्ञापन भी सौंपा।
ये हैं मुख्य मांगे
- संगठनों द्वारा तैयार 26 सूत्रीय मांगों के साथ सातवें पे कमिशन की रिपोर्ट लागू करें।
- नई पेंशन नीति को बंद कर पुरानी पेंशन नीति को चालू किया जाए।
- रिटायर्ड रेलवे कर्मचारियों के बच्चों को रेलवे में योग्यता के आधार पर नौकरी दी जाए।
- रेलवे में सेना की भांति वन रैंक वन पेंशन लागू की जाए।
- रेलवे कर्मचारी पर निर्भर माता-पिता को रेलवे पास व मेडिकल सुविधा का प्रावधान हो।