नई दिल्ली। सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर रेलवे से सम्बंधित सुविधाओं के वाइरल को पढ़कर आप खुश हो रहे हैं तो यह आपकी ग़लतफ़हमी है, क्योंकि रेल प्रशासन एक जुलाई से ऐसा कुछ भी नहीं कर रहा है। वाइरल हो रही जानकारियां अफवाह से ज्यादा कुछ नहीं है।
रेलवे बोर्ड के अपर जनसम्पर्क निदेशक अनिल सक्सेना और उत्तर रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी नीरज शर्मा कहते हैं कि हमें भी नहीं मालूम कि यह अफवाह कहां से फैली, क्योंकि तत्काल टिकटों के रिजर्वेशन के समय में बदलाव दो वर्ष पहले ही हो चुके हैं।
तत्काल कोटे से एसी क्लास का टिकट सुबह 10 बजे और नॉन एसी क्लास के टिकट की बुकिंग सुबह 11 बजे से पहले से ही होती है। इसके आलावा राजधानी और दुरंतो ही नहीं, सभी मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों में जरूरत के मुताबिक कोच की संख्या पिछले बजट से ही बढ़ाई जा रही है।
दोनों अधिकारियों ने बताया कि टिकट बुकिंग में भी पहले की तरह ही यात्री ऑनलाइन और काउंटर दोनों ही जगहों से वेटिंग टिकट ले सकते हैं। साथ ही तत्काल कोटे के कंफर्म टिकट के कैंसिल करवाने पर रिफंड का कोई प्रावधान नहीं है और इस पर 50 प्रतिशत रिफंड की बात महज अफवाह है।
यात्रियों को चाहिए कि वह इस तरह के अफवाह में न आएं और पूर्व नियमों का ही पालन करें। ऐसे किसी भी बदलाव की जानकारी की पुष्टि रेल प्रशासन नहीं करता है।