
लोकल एडमिनिस्ट्रेशन ने दो दिन पहले जवाहर बाग में कब्जा किए लोगों को नोटिस देते हुए 24 घंटे के अंदर जवाहर बाग को खाली करने की चेतावनी दी थी। इसके विरोध में कथित कब्जाधारी प्रदर्शन कर रहे थे। गुरुवार को पुलिस प्रशासन ने भारी पुलिस बल के साथ जवाहर बाग की ओर कूच किया। प्रदर्शनस्थल पर पुलिस बल एवं प्रदर्शनकारियों के बीच विवाद बढ़ गया। इसी दौरान फायरिंग भी शुरू हो गई। मौके पर आगजनी भी हुई। इस फायरिंग में पुलिस एवं प्रशासन के एडिशनल एसपी सिटी मुकुल द्विवेदी, सिटी मजिस्ट्रेट रामअरज यादव, एसओ प्रदीप कुमार और एसओ संतोष कुमार यादव को गोली लग गई। हॉस्पिटल ले जाते समय संतोष कुमार यादव की मौत हो गई। वहीं, मुकुल द्विवेदी की आगरा के नयति हॉस्पिटल में इलाज के दौरान मौत हो गई।
आधिकारिक बयान
एडीजी लॉ एंड आर्डर दलजीत सिंह चौधरी ने कहा कि एक पुलिस स्टेशन इंचार्ज (SO) संतोष यादव और एसपी सिटी मुकुल द्विवेदी की इस घटना में मौत हो गई है। इसके अलावा 12 पुलिसवाले जख्मी हैं, जिनका इलाज चल रहा है। पुलिस कार्रवाई का विरोध करने वालों के 19 शव मिले हैं। वहीं, करीब 200 लोग घायल हुए हैं।
दोषियों के खिलाफ होगी कार्रवाई
चौधरी ने कहा कि घटना पर तुरंत एक्शन लेते हुए सभी अफसरों को मौके पर रवाना कर दिया गया है। "घटना की जांच कराई जाएगी। सीसीटीवी फुटेज और वीडियो रिकॉर्डिंग के जरिए दोषियों की पहचान की जाएगी।" सीएम अखिलेश यादव ने कहा है कि जांच में जो लोग भी दोषी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। सीएम ने मारे गए पुलिसकर्मियों के परिजनों को 20 लाख रुपए का मुआवजा देने का भी एलान किया है।