नईदिल्ली। प्लेटलेट्स से तो आप सभी वाकिफ ही होंगे। जब भी कोई मरीज किसी प्राइवेट अस्पताल में, अब तो सरकारी अस्पतालों में भी, भर्ती होता है तो डॉक्टर एक जांच कराते हैं और बताते हैं कि मरीज की प्लेटलेट्स कम हो रहीं हैं। डॉक्टर इसे कुछ इस तरह समझाते हैं जैसे मरीज मौत के करीब जा रहा है। फिर बताया जाता है प्लेटलेट्स चढ़ानी होंगी। 50 हजार से 5 लाख तक, जिसकी जैसी औकात उसको वैसी कीमत बता दी जाती है, लेकिन क्या आप जानते हैं ये प्लेटलेट्स नकली भी होतीं हैं।
पंजाब पुलिस के काउंटर इंटेलिजेंस विंग ने बठिंडा में सोयाबीन, दूध और अंडे की जर्दी से प्लेटलेट्स सेल तैयार कर इसकी तस्करी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। गिरोह के पास से बड़ी मात्रा में नकली प्लेटलेट्स के 21,752 पैकेट बरामद हुए हैं। इसकी कीमत सवा करोड़ रुपये बताई जा रही है।
गिरोह के संचालक आदेश यूनिवर्सिटी के ब्लड बैंक के प्रमुख दिलबाग सिंह, लैब टेक्नीशियन परमजीत सिंह के अलावा बहिमन दिवाना गांव के दो भाइयों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। गिरोह के तार राष्ट्रीय स्तर पर जुड़े होने के संकेत मिल रहे हैं।
काउंटर इंटेलिजेंस ने बठिंडा-अबोहर सड़क पर एक एसी कंटेनर को रोका। तलाशी में इसमें से बड़ी संख्या में प्लाजमा के पैकेट मिले। फिर कंटेनर के चालक की निशानदेही पर उस गोदाम की छानबीन की जहां गिरोह प्लेटलेट्स रखता था। यह प्लेटलेट्स एक कूलर वाली फैक्ट्री के पास तैयार किया गया था और इसे बहिमन दिवाना के नरिंदर सिंह व परमजीत सिंह ने कंटेनर में लोड किया था।
काउंटर इंटेलीजेंस विंग ने बठिंडा जोन के एआइजी अजय मलूजा ने बताया कि नकली प्लेटलेट्स सेल तैयार कर बेचने के आरोप में आदेश यूनिवर्सिटी के ब्लड बैंक के डॉ. दिलबाग सिंह, परमजीत सिंह, गांव बहिमन दिवाना के नरिंदर सिंह और परमजीत सिंह और कंटेनर चालक लाल बहादुर को गिरफ्तार किया गया है।
एडवांस में लिए थे 20 लाख
दिलबाग सिंह ओर परमजीत सिंह को पता था कि बड़ी कंपनियों को प्लेटलेट्स की जरूरत पड़ती है। दोनों ने मुंबई की कंपनी से एग्रीमेंट किया और उनसे 20 लाख रुपये एडवांस में लिए थे।