
कंचनाबुरी प्रान्त में सोमवार को बौद्ध मंदिर में मौजूद 100 बाघों में से 3 को निकाला गया है। बाघों को हटाने में कर्मचारियों को हफ्ते भर का समय लगेगा। बौद्ध भिक्षुओं ने पहले तो आरोपों से इनकार कर बाघों को हटाने का विरोध किया, लेकिन अदालत का फैसला दिखाने के बाद वो सहयोग के लिए तैयार हो गए। अधिकारी ने बताया कि वो बाघों को सुरक्षित जहगों पर ले जा रहे हैं।
थाइलैंड में वॉट का लुआंग बुआ बाघ मंदिर लोकप्रिय पर्यटन स्थल है। मंदिर के अधिकारी कई साल से बाघों को हटाने की कोशिशों का विरोध करते रहे हैं। यहां पर्यटक फीस चुकाकर बाघों को खाना खिला सकते थे और फोटो भी ले सकते हैं, जबकि यहां मंदिरों में प्रवेश के लिए किसी तरह की फीस लेने पर रोक है।
राष्ट्रीय उद्यानों के विभाग के उपमहानिदेशक अदिसॉर्न नुचडैमरांग ने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया कि हम हर बार मंदिर से सहयोग करने की अपील करते थे, लेकिन वो ऐसा नहीं कर रहे थे पर इस बार हमारे पास अदालत का आदेश है। बौद्ध भिक्षुओं पर मंदिर में बाघों का गैरकानूनी प्रजनन कराने और जानवरों की तस्करी के आरोप लगते रहे हैं। फरवरी 2015 में छापे के दौरान भी पता चला था कि जरूरी अनुमति के बिना इस मंदिर में सियार, धनेश (एक तरह की चिड़िया) और एशियाई भालुओं को रखा गया था।