भोपाल। सूचना आयोग के आदेश के बावजूद राजभवन प्रदेश के तीन विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की नियुक्ति प्रक्रिया की जानकारी उजागर नहीं कर रहा है। आयोग ने राजभवन को पिछले 14 मार्च को जबलपुर के जवाहर लाल नेहरू कृषि विवि, ग्वालियर के राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विवि और चित्रकूट ग्रामोदय विवि के कुलपतियों की नियुक्ति की जानकारी और दस्तावेज आरटीआई आवेदक को एक माह में देने का फैसला सुनाया था। लेकिन ढाई माह बाद भी राजभवन जानकारी नहीं दे रहा है।
आयोग को किया गुमराह
सूचना आयोग ने जब आरटीआई आवेदन का जवाब नहीं देने का कारण पूछा तो 14 मार्च 2016 को राजभवन के ओएसडी राजेश बरसैया ने आयोग के सामने उपस्थित होकर बताया कि आवेदक को रजिस्टर्ड डाक से कुलपतियों की नियुक्ति की जानकारी भेज दी गई है लेकिन आवेदनकर्ता राजीव खरे को डाक से जानकारी नहीं मिली। इसके बाद आयोग ने कहा कि जो जानकारी भेजी गई है, उसे आयोग के सामने पेश कर बताया जाए लेकिन राजभवन की ओर से कहा गया कि भेजी गई जानकारी की रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं हैं। दूसरी ओर डाक विभाग से तफ्तीश में भी सामने आया कि ऐसी कोई जानकारी आवेदक को भेजी ही नहीं गई।
3 साल से जानकारी छिपाई जा रही जानकारी
आरटीआई आवेदक राजीव खरे ने 17 दिसंबर 2012 को राजभवन से सूचना के अधिकार के तहत आवेदन देकर पूछा था कि ग्वालियर और जबलपुर कृषि विश्वविद्यालयों में कुलपति की नियुक्ति के लिए कुल कितने आवेदन आए थे, नियुक्ति के लिए किस समाचार पत्र में और किस तारीख को विज्ञापन निकाले गए? कुलपति की नियुक्ति के लिए अधिकतम आयु सीमा क्या है? इसके साथ ही चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय में वर्तमान कुलपति की में अपनाई गई नियुक्ति प्रक्रिया और कार्यकाल की भी जानकारी मांगी थी लेकिन पिछले 3 साल से अधिक समय से राजभवन के अफसर कभी रिकॉर्ड नहीं मिलने और कभी साधारण डाक से जानकारी भेजने के नाम पर गुमराह करते रहे, लेकिन कभी यह जानकारी आवेदक को दी ही नहीं गई।