
यूं तो किसी का पारिवारिक जीवन अध्ययन का विषय नहीं होता परंतु जब एक व्यक्ति जननेता हो जाता है। जब वह जनप्रतिनिधि बनने जा रहा हो तो उसके निजी जीवन में भी झांकना पड़ता है। विनोद गोटिया ने नामांकन पर्चे में अपनी पत्नी और बेटी की जानकारी छिपाई। कांग्रेस ने झूठ पकड़कर सबूत पेश किए तो हलफनामा दायर कर अपना पर्चा वैध करार करवा लिया।
निर्वाचन आयोग की अदालत में वो जीत गए लेकिन भारत में जनता की अदालत भी होती है। वहां से भी सवाल उठते हैं। इस मामले में भी कुछ सवाल उठ रहे हैं:
- भाजपा के प्रदेश महामंत्री ने हलफनामे में बताया है कि उन्होंने 18 साल पहले अपनी पत्नी को त्याग दिया था, इसलिए पर्चे में जानकारी दर्ज नहीं की।
- बेटी प्रिया गोटिया की मार्कशीट में दर्ज जन्मतिथि 15 अक्टूबर 1998 है। इस हिसाब से उनकी उम्र 15 जून 2016 की स्थिति में 17 साल और 8 महीने की हुई।
- तो क्या नेताजी ने अपनी पत्नी को उस समय निकाल बाहर किया था जबकि वो गर्भवती थीं।
- सवाल यह भी है कि पिछले 18 सालों में तलाक की प्रक्रिया पूरी क्यों नहीं हुई।
- क्या नेताजी अपनी पत्नी को तलाक दिए बिना तिल तिलकर जीवन बिताने पर मजबूर कर रहे हैं।
- इसके अलावा भी कई सवाल हैं, जो हम नहीं लिख सकते, शायद पाठकगण कमेंट बॉक्स में दर्ज करा दें, लेकिन यह जरूर है कि नेताजी का पारिवारिक जीवन आदर्श नहीं है। अब उनका सार्वजनिक जीवन कैसा होगा, यह आने वाला वक्त ही प्रमाणित करेगा।