ये क्या मप्र का नया मोर्चुरी फ्रीज खरीदी घोटाला है ?

भोपाल। स्वास्थ्य विभाग में एक नए घोटाले की संभावना ने दस्तक दी है। इसे आप 'मोर्चुरी फ्रीज खरीदी घोटाला' कह सकते हैं। मोर्चुरी फ्रीज वो होते हैं जहां लाशों को सड़ने से बचाने के लिए रखा जाता है। यह उस स्थान पर होते हैं जो पोस्टमार्टम किए जाते हैं। स्वास्थ्य विभाग ने कुछ ऐसे अस्पतालों में भी मोर्चुरी फ्रीज भेज दिए जहां पीएम होता ही नहीं। सवाल यह है कि अनुपयोगी सामान क्यों भेजा जा रहा है। कहीं किसी कंपनी से कमीशन के लालच में थोक खरीदी तो नहीं कर ली गई। जो सारे प्रदेश में सप्लाई की जा रही है। 

खबर ग्वालियर से आ रही है। यहां जिला चिकित्सालय में मंगलवार को दो मोर्चुरी फ्रीजर आए हैं। दिलचस्प बात यह है कि जिला अस्पताल में पोस्ट मार्टम की कोई व्यवस्था नहीं है। इसके बाद भी शासन द्वारा मोर्चुरी फ्रीजर का भेजा जाना अस्पताल प्रबंधन के भी गले नहीं उतर रहा है।

जिला अस्पताल परिसर में ट्रॉमा सेन्टर के बाहर खड़ा ट्रक मंगलवार को दिन भर चर्चाओं का विषय रहा है। इस ट्रक में दो मोर्चुरी फ्रीजर रखे हुए हैं, लेकिन इनका उपयोग जिला अस्पताल में क्या होना है, यह किसी को समझ नहीं आ रहा है। इसके अलावा सेन्ट्रल स्टोर की जगह सीधे जिला अस्पताल में सीधे फ्रीजर का पहुंचना भी विभाग में चर्चाओं का कारण बना हुआ है, क्योंकि नियमानुसार कोई भी सामान पहले स्टोर में पहुंचता है और इसके बाद संबंधित के लिए जारी किया जाता है।

फ्रीजर को लेकर सिविल सर्जन डॉ. डीडी शर्मा का कहना है कि उनको इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। वहीं, आरएमओ डॉ. सुनील शर्मा के मुताबिक यह सही है कि मोर्चुरी फ्रीजर आए हैं, लेकिन पीएम नहीं होता है। इसलिए इनका उपयोग कहां किया जाना है इस बारे में वह सिविल सर्जन से चर्चा के बाद ही बता सकेंगे।

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