नईदिल्ली। मसूरी में पेयजल संकट लगातार गहराता जा रहा है, लेकिन शहर में एक स्थान ऐसा भी है, जहाँ अंग्रेजों के जमाने के बने कुएं से आज भी लोग अपनी प्यास बुझा रहे है। इतिहासकार गोपाल भारद्वाज कहते है कि मसूरी शहर के हाथी पांव में करीब सात हजार फीट की ऊंचाई पर अंग्रेज जनरल विश ने 1827 में इस कुएं का निर्माण कराया था। इस कुएं के पानी का इस्तेमाल भारत के प्रथम सर्वेयर जनरल सर जार्ज ने भी किया था। कुएं में भले ही अब पानी कम हो गया, लेकिन करीब 190 साल से कुंआ लोगों की प्यास बुझा रहा है।
शहर के हाथी पांव क्षेत्र में पानी की लगातार कमी बनी हुए है। लोग अंग्रेजों के जमाने के इस कुएं पर आज भी निर्भर हैं, लेकिन जल संस्थान शिकायत के बाद भी लोगों की समस्या को लेकर गंभीर नहीं है। जल संस्थान के अधिशासी अभियंता एसके सैनी कहते है कि पानी की समस्या को दूर करने के लिए विभाग हरसंभव कोशिश कर रहा है।
मसूरी जल संस्थान ने हाथी पांव क्षेत्र से लगे गांवों में पानी की लाइने तो बिछाई हैं, लेकिन नलों में पानी छोङना भूल गई। जिससे आज भी लोग अंग्रेजों के जमाने के कुएं से अपनी प्यास बुझा रहे हैं। वो तो भला हो उन अंग्रेजों जिन्होने इस कुएं का निर्माण कराया अन्यथा जल संस्थान के भरोसे रहते तो यहां से लोगों को मजबूरन पलायन ही करना पड़ता।