नईदिल्ली। आईडीबीआई बैंक लोन मामले में धोखाधड़ी केस के तहत ईडी की कार्रवाई पर विजय माल्या भड़क गए हैं। उन्होंने ईडी द्वारा 1411 करोड़ की संपत्ति जब्त करने पर पलटवार करते हुए कहा कि इस तरह तो बैंकों का पैसा वापस लौटाने में बहुत मुश्किल होगी।
माल्या और उसकी एयरलाइंस कंपनी किंगफिशर पर एसबीआई समेत 17 बैंकों का करीब 9000 करोड़ बकाया है। माल्या 2 मार्च को ही देश छोड़कर लंदन भाग गए थे। इसी कारण इन पर देशभर के तमाम कोर्ट सहित सुप्रीम कोर्ट में मुकदमे चल रहे हैं।
माल्या ने ईडी की कार्रवाई के बाद एक वक्तव्य में कहा, मेरा मामला पूरी तौर पर सिविल मामला है। ईडी जिस तरह से मुझ पर क्रिमिनल आरोप लगाकर लोन वापसी के लिए कार्रवाई कर रही है यह आधारहीन है। माल्या ने कहा, ईडी की लगातार संपत्ति जब्त करने की कार्रवाई का कोई कानूनी आधार नहीं है। और अब बैंकों को लोन वापसी करने के लिए पैसे जुटाने में और मुश्किलें आएंगी।
गौरतलब हो कि पिछले दिनों प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आईडीबीआई बैंक के रिण चूक मामले में शराब कारोबारी विजय माल्या की 1,411 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की।
प्रवर्तन निदेशालय के एक अधिकारी ने कहा था, हमने मनी लांड्रिंग रोधक कानून के तहत विजय माल्या और यूबी लि़ की 1,411 करोड़ रुपये (बाजार मूल्य के हिसाब से) की संपत्तियां कुर्क की गई।
माल्या की अस्थायी रूप से कुर्क संपत्तियों में 34 करोड़ रुपये की बैंक जमा, बेंगलुर और मुंबई में एक-एक फ्लैट (2,291 वर्ग फुट तथा 1,300 वर्ग फुट), चेन्नई में एक औद्योगिक प्लाट (4.5 एकड़), कुर्क में एक कॉफी बागान (28.75 एकड़), यूबी सिटी में एक आवासीय तथा वाणिज्यिक निर्मित क्षेत्र तथा बेंगलुर में किंगफिशर टावर (84,0279 वर्ग फुट) शामिल है।
इसके अलावा एजेंसी माल्या को घोषित अपराधी घोषित करवाने के लिए विशेष अदालत भी गई है। एजेंसी ने इससे पहले सभी उपाय मसलन इंटरपोल का गिरफ्तारी वारंट तथा माल्या का पासपोर्ट रद्द करने जैसे उपाय कर लिए है।
माल्या को ब्रिटेन से भारत प्रत्यर्पित करने के लिए प्रवर्तन निदेशालय भारत-ब्रिटेन आपसी कानूनी सहयोग संधि (एमएलएटी) का भी इस्तेमाल करने का प्रयास कर रहा है।