नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने सभी मंत्रालयों से दिहाड़ी आधार पर काम करने वालों की भर्ती रोकने को कहा है और ऐसा नहीं करने पर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। विभागों को नियमित कर्मचारियों द्वारा किए गए काम और उत्पादकता का आकलन करने को कहा गया है, जिससे कि दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों के किए गए काम को उनके हवाले किया जा सके।
यह कदम ऐसे समय उठाया गया, जब देखा गया कि दिहाड़ी श्रमिकों के काम को लेकर कड़े दिशा-निर्देशों के बावजूद विभिन्न मंत्रालय सरकारी नीतियों के खिलाफ नियमित प्रकृति के काम के लिए दैनिक वेतनभोगी (कैजुअल) कर्मचारियों से काम लेते हैं।
कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) ने सभी केंद्रीय सरकारी मंत्रालयों के सचिवों को जारी निर्देश में कहा है, 'इन दिशा-निर्देशों को लागू करने में लापरवाही को गंभीरता से देखा जाएगा और उल्लंघन करने वालों के खिलाफ त्वरित और उचित कार्रवाई के लिए उचित प्राधिकार के ध्यान में लाया जाएगा।'
डीओपीटी ने मामले पर अपने पुराने निर्देश का जिक्र करते हुए कहा, 'जरूरी होने पर...विभाग नियमित काम के लिए कर्मचारियों को लेकर नियमों की समीक्षा कर सकता है और उसे संशोधित करने के लिए कदम उठा सकता है।' संबंधित घटनाक्रम में केंद्र सरकार ने हफ्ते में दैनिक कर्मचारियों को एक दिन का पेड ऑफ भी देने की पेशकश की है। केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण के एक आदेश के बाद यह घटनाक्रम हुआ है।