भोपाल। सपाक्स के प्रांतीय सम्मेलन के जवाब में अजाक्स ने 12 जून संडे को राजधानी में बड़ी रैली की और सम्मेलन आयोजित किया गया। इस दौरान अजाक्स ने कई सवाल उठाए। सपाक्स भी तैयार बैठा था। उसने अजाक्स के सवालों के जवाब मीडिया में जारी कर दिए। आप भी पढ़िए:
1.क्या आरक्षण केवल 10 वर्षों के लिए था?
जबाब: जी हाँ । किसी भी प्रकार का आरक्षण केवल 10 वर्षो के लिए था। ये हथकंडा उनके समाज के लोगों को भ्रमित करने के लिए अपनाया गया है कि आरक्षण संवेधानिक अनुच्छेद है, जबकि ये एक अस्थायी प्रावधान था जिसे 10 वर्षों के लिए रखा गया था। खुद अम्बेडकर जी ने माना था की 10 वर्षो से अधिक के लिए इस प्रावधान की आवश्यकता नहीं है अन्यथा वे स्वयं इसे अनुछेद के रूप में स्थायी रूप से संविधान में जोड़ते।
2.क्या आरक्षण का आधार आर्थिक होना चाहिए?
जबाब: जी हाँ। आज के समाज में किसी भी व्यक्ति से जाति नहीं पूछी जाती। और न ही जाति के आधार पर किसी का तिरस्कार हो रहा है। कम से कम MP में तो ऐसे हालात हरगिज नहीं है। आरक्षण के कारण ही पता चलता है की कौन SC है और कौन ST. गरीबी की कोई जाति नहीं होती। जाति आधारित आरक्षण की चिंता उन लोगो को है जो उसका लाभ लेकर उच्च पदों पर बैठ गए है और उन्हें अब अपनी पीढ़ियों की चिंता है। वो यदि सही में उनके वर्ग का उत्थान चाहते है तो आरक्षण का लाभ लेना बंद करें। एक आईएस या शासकीय सेवक को आरक्षण की क्या अवश्यता है, वो तो मुख्यधारा में शामिल हो चुका है। वैसे तो योग्यता आधारित आरक्षण होना ही नहीं चाहिये फिर भी यदि आवश्यक है तो वह विशुद्ध रूप से आर्थिक आधार पर होना चाहिए। आज के युग में गरीबी ही सबसे बड़ा अभिशाप है न कि जाति।।
3. क्या आरक्षण से अयोग्य व्यक्ति आगे आते है?
जबाब: जी हाँ। आप योग्य हो चुके है और आपके नंबर अनारक्षित वर्ग से मात्र 2% ही कम आते है तो फिर क्यों चिंता कर रहे हो भाई। थोड़ी मेहनत और कर लो। 2% का अंतर कोई बड़ा अंतर नहीं है। योग्यता में आरक्षण का विरोध अब आप स्वयं करे क्योंकि आप खुद मान रहे है कि अब आपका वर्ग बौद्धिक रूप से योग्य हो गया है (जिसे आपने अजाक्स की 12 जून 2016 की रैली के बैनरों में लिखा है)।
"सपाक्स द्वारा जनहित में सही जानकारी लाने हेतु जारी"
शोऐब सिद्धिकी