भोपाल। विगत दो दिन से संविदा बढ़ाने की मांग को लेकर अनिश्चित कालीन धरने पर बैठे कौशल विकास केन्द्र के संविदा कर्मचारियों ने आंदोलन के तीसरे दिन संविदा बढ़ाने की मांग को लेकर सड़क और धरना स्थल पर झाड़ु लगाकर प्रदर्शन किया। गोरतलब है कि तकनीकी शिक्षा विभाग अंतर्गत कौशल विकास केन्द्रों में विगत पांच वर्षो से संविदा पर कार्यरत एक हजार संविदा कर्मचारी अधिकारी जो कि विधिवत् चयन प्रक्रिया एम.पी. आन लाईन के माध्यम् से प्रबंधक, प्रशिक्षक, लेखापाल पर भर्ती हुये थे, की सेवाएं विगत 16 मई को समाप्त कर दी गई हैं।
विभाग के अधिकारियों और विभागीय मंत्री का कहना है कि पुराने अनुभवी लोगों को निकालकर उनके स्थान पर नये लोगों की भर्ती संविदा पर ही की जाना है। यह योजना देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की महत्वकांक्षी परियोजना है। संविदा वृद्वि नहीं किये जाने से सभी कर्मचारी और उनके परिवार सड़कों पर आ गये हैं। आईटीआई की तरह कौशल विकास केन्द्रों में हजारों युवाओं को रोजगार का उन्मुखी प्रशिक्षण देकर उनको अपने पैरों पर खड़ा करने वाले प्रशिक्षक, प्रबंधक, लेखापाल आदि कर्मचारी विगत पांच वर्षो से संविदा पर कार्य कर रहे हैं। इनकी योग्यता बी. ई, और एम.टेक है। प्रथम नियुक्ति दो वर्ष के लिए की गई थी। उसके बाद तकनीकी शिक्षा विभाग प्रतिवर्ष उनकी संविदा बढ़ाता रहा है लेकिन अचानक विभाग ने संविदा नहीं बढ़ाने का निर्णय लेते हुये फिर से संविदा पर नई भर्ती करने का निर्णय ले लिया जिसमें नये लोगों को रखा जायेगा।
जिससे निकाले गये एक हजार संविदा कर्मचारियों में आक्रोश है । जिसके कारण प्रदेश में कौशल विकास केन्द्रों में कार्य करने वाले एक हजार संविदा कर्मचारी अधिकारी मुख्यमंत्री से संविदा बढ़ाने की मांग को लेकर राजधानी भोपाल के नीलम पार्क में अनिश्चित कालीन धरने पर बैठे हुये हैं । म.प्र. संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर कौशल विकास केन्द्र कर्मचारी अधिकारी संघ के अध्यक्ष राजेश साहु , उपाध्यक्ष रविन्द्र रावत, कोषाध्यक्ष अबरार कुरैशी ने बताया कि अब धरना तभी समाप्त होगा जब सरकार कौशल विकास केन्द्रों के संविदा कर्मचारियों की संविदा अवधि बढ़ाने के आदेश जारी करेगी। कल गुरूवार दिनांक 2 जून 2016 को संविदा कर्मचारी अधिकारी दोपहर 12 बजे भीख मांगकर प्रदर्शन करेंगें।