भोपाल। सीएम शिवराज सिंह और उनका प्रशासन इन दिनों मप्र की ज्यादातर जनता का दिल दुखाने वाले काम कर रहा है। पिछले दिनों सीएम ने एलान किया था कि प्रदेश भर की अनाथ बेटियों की उच्च शिक्षा और रहने की सुविधा के साथ निर्वाह भत्ता का खर्च सरकार देगी, अब उसमें शर्तें लागू हो गईं हैं। केवल फर्स्टक्लास में पास होने वाली अनाथ बेटियों को भी लाभ मिलेगा।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने अनाथ बेटियों की शिक्षा में आने वाली आर्थिक परेशानियों को देखते हुए एलान किया था कि शिवराज मामा अपनी अनाथ भांजियों की उच्च शिक्षा का खर्चा उठाएंगे और उनको कोई दिक्कत नहीं आने देंगे। शिवराज मामा के एलान पर प्रदेश सरकार ने अनाथ बालिकाओं को मुफ्त उच्च शिक्षा और शिक्षा के दौरान किराए के मकान में रहने के लिए निर्वाह भत्ता देने की तैयारी भी कर ली है।
वहीं उच्च शिक्षा विभाग ने तय किया है कि इस योजना का लाभ केवल उन्हीं बालिकाओं को मिलेगा जिनके 12 वीं कक्षा में न्यूनतम 60 प्रतिशत अंक होंगे। उच्च शिक्षा विभाग ने अपना ये प्रस्ताव वित्त विभाग की मंजूरी के लिए भेज दिया है। सीएम की घोषणा के तहत इस प्रस्ताव पर वित्त विभाग 10 करोड़ सालाना बजट की व्यवस्था भी करने जा रहा है। प्रदेश के उच्च शिक्षा एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री ने इस घोषणा पर जल्द अमल की बात कही है लेकिन, सीएम की घोषणा में फर्स्ट डिवीजन के पेंच को लेकर योजना चालू होने के पहले ही सवाल खड़े होने लगे हैं।
इस योजना के प्रस्ताव को लेकर सवाल उठ रहे हैं। अनाथ होने के वजह से पढाई होना ही मुश्किल है, ऐसे में 60 प्रतिशत की शर्त एक तरह से घोषणा को घोषणा तक ही सीमित रखने की कवायद समझी जा रही है। यह प्रस्ताव कुछ एैसा है कि सीएम की बात भी रह जाए और सरकार की कौड़ी भी खर्च ना हो।