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हर बार की तरह सोशल मीडिया पर ही ये मुद्दा उठा। हुआ यूं कि सुब्रमण्यम स्वामी ने वित्त मंत्री अरुण जेटली की तरफ इशारा करते हुए ट्वीट किया था कि भाजपा नेता जब पश्चिमी कपड़े पहनते हैं तो वेटर की तरह लगते हैं।
स्वामी के इस बयान पर ही वाड्रा ने शनिवार फेसबुक पोस्ट के जरिए स्वामी के बयान की जमकर आलोचना करते हुए पोस्ट की शुरूआत की 'वेटर अपनी जीविका के लिए कड़ी मेहनत करते हैं, और अतं में वाड्रा ने स्वामी को उनके वेटरों के प्रति अपमानजनक कमेंट के लिए खोटा और पुराने विचार रखने वाला कहा।
अब राजनीति में इसके मायने निकाले जा रहे हैं। सवाल यह है कि जो रॉबर्ट वाड्रा, खुद पर लगने वाले राजनैतिक आरोपों को जवाब नहीं देते, वो जेटली के मामले में ढाल बनकर सामने क्यों आ गए। क्या कोई पर्दे के पीछे वाला गठबंधन है, दोनों के बीच, जिसके चलते वाड्रा ने स्वामी का ध्यान भटकाया है या फिर रॉबर्ट वाड्रा अब राजनीति में सक्रिय होने जा रहे हैं, यदि हां तो क्या भाजपा में, या जेटली की मदद से कांग्रेस में।