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इस वृक्ष का नाम है बोधि वृक्ष। यह श्रीलंका और भारत की मैत्री का प्रतीक है। जो रायसेन जिले के सांची नगरपालिका क्षेत्र में स्थित है। भीषण गर्मी में बचाने के लिए सांची नगर पालिका की फायर ब्रिगेड लगाई गई है। पहाड़ी पर लगे इस वृक्ष को गर्मी में भी सूखने से बचाना किसी चुनौती से कम नहीं है। इस पेड़ का एक पत्ता भी न सूखे इसके लिए राज्य सरकार समय-समय पर इसकी देखरेख और सुरक्षा के लिए खास इंतेजाम करती है।
ऊंचाई अधिक होने के कारण वहां पानी के कोई दूसरे साधन नहीं हैं। पानी के टैंकर पहुंच नहीं पाते हैं, इसलिए पहाड़ी पर लगे बोधि वृक्ष को सींचने के लिए वहां फायर ब्रिगेड से पानी भेजा जाता है।
21 सितंबर 2012 को सांची की पहाड़ी पर महिंद्रा राजपक्षे बौद्ध युनिवर्सिटी की आधारशिला रखने आए थे। इसी दिन सीएम शिवराज सिंह चौहान और महिंद्रा राजपक्षे ने बोधि वृक्ष (पौधा) रोपा था। पौधे की सुरक्षा के लिए पुलिस के जवान यहां तैनात रहते हैं। बौद्ध अनुयाइयों के लिए यह पेड़ आस्था का केंद्र है। गर्मी के दिनों में पानी का एक टैंकर यहां खड़ा रहता है। इस वृक्ष की सुरक्षा के लिए मध्यप्रदेश सरकार अब तक लाखों रुपए खर्च कर चुकी हैं। मान्यता है कि भगवान गौतम बुद्ध ने पीपल के पेड़ के नीचे बैठकर बौधित्व को प्राप्त किया था। इसीलिए इसे बोधि वृक्ष कहा जाता है।