अब अपर कलेक्टर के उपन्यास में सरकार का कड़वा सच

भोपाल। मध्यप्रदेश में नौकरशाह अब अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उपयोग करने लगे हैं। वो सरकार की पोल खोलने में आगे भी आ रहे हैं। गुना जिले में पदस्थ राज्य प्रशासनिक सेवा के अफसर नियाज़ अहमद खान ने भ्रष्ट नौकरशाही और फर्जी बाबाओं के खिलाफ अपने अंग्रेजी उपन्यास ''अनटोल्ड सीक्रेट ऑफ माय आश्रम'' में मोर्चा खोला है। अपर कलेक्टर के पद पर पदस्थ नियाज़ अहमद खान ने अपने उपन्यास में नौकरशाहों पर तीखे कटाक्ष करते हुए लिखा है कि, भारत में नौकरशाहों की पोस्टिंग से पहले उन्हें पीएमडी मशीन यानी नपुंसकता मापक यंत्र (POTENCY MEASUREMENT DEVICE) में परखा जाता है।

इस मापक यंत्र में नापतौल के बाद यदि नौकरशाह की रीडिंग ज़ीरो प्रतिशत होती है, तो उसे भ्रष्टाचारी का अवार्ड देते हुए मलाईदार पद नसीब होता है और यदि रीडिंग 100 प्रतिशत तक होती है तो उसे कभी अच्छा अधिकारी नहीं माना जाता, उसे फिर लूपलाइन में पटक दिया जाता है। 

पीएमडी एक सांकेतिक मशीन है, जो भारत में नौकरशाही में व्याप्त भ्रष्टाचार को दिखाती है। 'अनटोल्ड सीक्रेट आफ माय आश्रम' नोबेल किसी के जीवन पर आधारित न होकर एक काल्पनिक कहानी है। अपर कलेक्टर नियाज़ अहमद खान ने अपने अंग्रेजी उपन्यास में अनछुए पहलुओं को उजागर करते हुए भगवाधारी चोला पहनने वाले बाबाओं पर हमला बोला है। उपन्यास में उन्होंने लिखा है कि बाबा स्वर्ग के लाइसेंस का लालच देकर लोगों को झांसा देते हैं।

उल्लेखनीय है कि अपनी फायर ब्रांड छवि के लिए मशहूर नियाज़ अहमद खान अब तक जिले में फ़ूड सेफ्टी एक्ट, माइनिंग समेत करोड़ों रुपए का रिवेन्यू भी जिले को दिलवा चुके हैं। अपर कलेक्टर नियाज़ अहमद खान पहले भी भ्रष्ट सिस्टम के ऊपर अंग्रेजी भाषा में 3 उपन्यास लिख चुके हैं, जिनकी तारीफ़ स्वयं नोबल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी कर चुके हैं।

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!
$("#merobloggingtips-before-ad .widget").each(function () { var e = $(this); e.length && e.appendTo($("#before-ad")) }), $("#merobloggingtips-after-ad .widget").each(function () { var e = $(this); e.length && e.appendTo($("#after-ad")) });