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सीबीआई कोर्ट ने एक अहम फैसला लेते हुए जबलपुर के ग्वारीघाट रोड स्थित सुखसागर वैली में रहने वाले 61 वर्षीय सूर्यकांत गौर को पांच साल की सजा एवं जुर्माने की सजा सुनाई है। सीबीआई ने करप्शन में सूर्यकांत का साथ देने वाली पत्नी विनीता (55), बेटा सुधीर (35) और बहू सुनीता गौर (32) एवं उनके पांच साल के पोते को भी पांच साल की कैद और जुर्माने की सजा सुनाई है।
की थी लाखों की हेराफेरी
सूर्यकांत रक्षा लेखा विभाग में बतौर डेप्युटी अकाउंटेंट (उप लेखाकार) कार्यरत थे। आरोप है कि उन्होंने कार्यकाल के दौरान अपने परिवार से साथ मिलकर लाखों का गबन किया है। गबन से कमाया गया धन उन्होंने अपने परिजनों से बैंक खातों में ट्रांसफर किया। दोषी पाए जाने पर सीबीआई ने हर एक पर ढाई लाख का जुर्माना और पांच साल की सजा सुनाई है। सजा पाने वाले अधिकारी पर अकाउंटेंट रहते हुए 94 लाख रुपए के गबन का आरोप लगा था।
दादा के कर्मों की सजा पोता भुगतेगा
सूर्यकांत के कर्मों की सजा उसके पांच साल के पोते को भी भुगतनी पड़ रही है। इस मामले में दादा-दादी और माता-पिता को सजा होने के बाद पोते का ख्याल रखने वाला घर में कोई नहीं था। इस बात का ध्यान रखते हुए सूर्यकांत के पोते को भी जेल में शिफ्ट कर दिया गया है।
इस आधार पर की गई कार्रवाई
सीबीआई के अनुसार अगर अवैध ट्रांजेक्शन के सबूत है तो प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट के तहत सजा का प्रावधान है। इसमें गलत तरीके से संपत्ति जुटाने में रिश्तेदारों को भी आरोपी बनाया जा सकता है। यह कार्रवाई एक्ट के आधार पर की गई है, जिसमें अधिकारी की पत्नी, बेटे और बहू को आरोपी बनाया गया है।
क्या था मामला
सीबीआई के विशेष सरकारी वकील प्रतीश जैन ने बताया कि सीबीआई ने 14 जुलाई 2010 को गौर के घर में छापेमारी की थी। उस दौरान सीबीआई को गौर की आय से अधिक (94 लाख रुपए) संपत्ति के रिकॉर्ड मिले थे। जिसके बाद सीबीआई ने गौर के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। शनिवार को मामले की सुनवाई हुई, जिसके बाद अदालत ने गौर और उनके परिवार को जेल भेज दिया।