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चीन की ओर से एनएसजी में भारत के प्रवेश पर अड़ंगा लगाने के सवाल पर मोदी ने कहा, 'चीन के साथ हमारी कोई एक समस्या नहीं है। चीन के साथ कई मसले उलझे पड़े हैं। कुछ मुद्दों पर उनकी राय हमसे अलग है और कई मसले ऐसे हैं जिस पर हमारी राय उनसे अलग है। लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि हम चीन की आंखों में आंखें डालकर बात कर रहे हैं और स्पष्ट तरीकों से भारत के हितों को आगे रख रहे हैं।'
मोदी ने कहा कि उन्होंने तीन दिन पहले चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से बात की और भारत के हितों के बारे में स्पष्ट रूप से बात की। मोदी से भारत और अमेरिका के संबंध और उसमें पाकिस्तान के हस्तक्षेप के बारे में सवाल किया गया था। मोदी ने कहा, 'भारत एक स्वतंत्र देश है। जब भारत किसी देश से मिलता है तो वह केवल अपने हितों को लेकर चिंताशील रहता है।' दुनिया अब मानती है कि भारत आतंकवाद की जिस समस्या का सामना कर रहा है, वह पाकिस्तान से उत्पन्न होती है।'
मोदी ने सवाल किया, 'पाकिस्तान के मामले में आप किसे लक्ष्मण रेखा मानेंगे? चयनित सरकार के साथ या अन्य किसी किसी के साथ? भारत को पाकिस्तान के मामले में हमेशा सतर्क रहना चाहिए।'
मोदी ने यह भी कहा, 'मैं मीडिया से कहना चाहता हूं कि वह भारत में हर चीज को पाकिस्तान के संदर्भ में देखाना बंद करे। मेरे प्रयासों का परिणाम, लाहौर जाना, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री (नवाज शरीफ) को भारत में आमंत्रित करना। मुझे अब दुनिया को भारत की भूमिका समझाने की जरूरत नहीं है। दुनिया एक स्वर में भारत की भूमिका की प्रशंसा कर रही है।'
उन्होंने कहा, 'हम देख सकते हैं कि पाकिस्तान के लिए जवाब देना मुश्किल हो रहा है। दुनिया ने लंबे समय तक आतंकवाद को समस्या नहीं माना था। उदाहरण के तौर पर दुनिया ने लंबे समय तक भारत के आतंकवाद के तर्क पर विश्वास नहीं किया था। कई बार उन्होंने (अन्य देशों ने) यह भी कहा कि यह आपकी कानून और व्यवस्था की समस्या है।'
उन्होंने कहा, 'भारत ने आतंकवाद के बारे में जो कहा था, आज दुनिया को उस पर यकीन करना होगा। दुनिया अब मान रही है कि भारत को आतंकवाद के कारण क्या नुकसान भुगतने पड़े हैं। हमें इसे आगे ले जाना है।'