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इसके साथ ही इन दोनों को पार्टी का महासचिव भी नियुक्त कर दिया गया है। मालूम हो कि पंजाब और यूपी में विधानसभा चुनाव होने को हैं। इससे पहले राज्यसभा चुनावों में हरियाणा में पार्टी के उम्मीदवार की हार ने उसे बड़ा झटका दिया है। कमलनाथ के सामने यहां बड़ी चुनौतियां हैं, लेकिन यदि कमलनाथ इन राज्यों में कांग्रेस को जीत दिला गए तो 2018 में वो मप्र से सीएम केंडिडेट होंगे, इसमें कोई संशय शेष नहीं रह जाएगा।
हाल ही में हुए राज्यसभा चुनावों में कांग्रेस की जीत के बाद कमलनाथ का कद बढ़ गया है। मप्र में कांग्रेस कई जीती हुई बाजियां हार चुकी है। माना जा रहा था कि इस बार भी कांग्रेस, भाजपा के भंवरजाल में फंस जाएगी परंतु ऐसा नहीं हुआ। अब तक कमलनाथ को एक राजनेता से ज्यादा व्यापारी माना जाता था। पहली बार कमलनाथ की राजनैतिक सक्रियता राजधानी में दिखाई दी है।